एप्पल न्यूज़, मंडी
बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति की वर्चुअल बैठक, जोगिन्दर वालिया अध्यक्षता में सम्पन हुई जिसमे समिति ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर, बल्ह कि उपजाऊ जमीन को कोडियों के भाव में भूमि अधिगहरण करते हुए अब घरेलु उडान के लिए ही हवाई अड्डा बनाने कि जिद पर अड़े है।
इसके लिये बे पिछले कल दिल्ली में डेरा डाल कर केंद्रीय नागरिक एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री हरदीप पूरी से हवाई अड्डे के अति शीघ्र शुरू करबाने हेतु याचना कर चुके है और बिना किसानो कि बात सुने हुए एकतरफा फैसला ले रहे है जबकि बल्ह के किसान पिछले 3 साल से लगातार सरकार ब राज्य सरकार को इसका स्थान दूसरी जगह बदलने कि मांग करते आ रहे हैं। क्योंकि प्रस्तावित हवाई अड्डे से 2000 किसान परिवारों का विस्थापन, 400 करोड़ का कृषि उत्पादन ब सिंचाई व्यवस्था,पीने के पानी, 2500 मकान, हजारो पेड़, कृषि-उद्योग, तीन नदियां, संपर्क मार्ग, व्यापारिक ब शिक्षण संस्थान,कृषि मशीनरी सब ख़तम हो जाएगे।
समिति के उपप्रधान प्रेम चौधरी ने कहा कि हाल ही मैं भारतीय किसान संघ, बल्ह इकाई ने कहा है कि सोना उगलने बाली जमीन में उन्हें एयरपोर्ट कतई मंजूर नहीं है एवं पब्लिक वेलफेयर फाउंडेशन, मंडी ने भी किसानों एवं पर्यावरण के हित में हवाई अड्डे का स्थान बदलने कि मांग कर चुके है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किसी भी हाल में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहते हैं।बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति को बिल्कुल मंजूर नहीं है चाहे इसके लिए कोई भी संघर्ष क्यों न करना पड़े I
समिति के सचिव नन्द लाल वर्मा ने इस बात की हेरानी जताई कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वेप्कोस कंपनी को 15 जून से पहले लिडार (लेसर) के माध्यम से सर्वे करवा कर उसके उपरांत जल्दी से उनके ड्रीम परियोजना का खाखा तेयार किया जाये और उनका सपना पूरा हो सके I जबकि अक्टूबर 2018 में ओएलएस दुवारा जो पहले ही सर्वे किया जा चूका है जिस पर उड़यान विभाग ने 1 करोड़ खर्च करने के उपरांत 15 जनवरी 2020 को हिमाचल सरकार और नागरिक उड़यान मंत्रालय भारत सरकार के बीच एक इकरार नामा भी किया जा चूका है जिसके अनुसार केबल 2150 मीटर रनवे ब ATR-72 सीटर छोटा हवाई जहाज घरेलु उडान के लिए ही प्रस्तावित है।
अगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बोइंग 320 के लिए बनाना है तो उसके लिए 3150 मीटर लम्बी हवाई पट्टी बनानी पड़ेगी। उसके लिए ओएलएस सर्वे के अनुसार सुंदरनगर की पहाड़िया (बंदली धार) 500 मीटर तक काटनी पड़ेगी, जो की कभी भी संभव नहीं है।
अब 5 करोड़ खर्च कर लिडार सर्वे के माध्यम से हर हालत में अपने ड्रीम परियोजना को पूरा करना चाहते है जो कि कभी भी संभव नहीं है अतः मांग कि जाती है कि इसे गैर उपजाऊ जमीन पर कही दूसरी जगह बनाया जाये I
समिति आने बाले दिनों में वेप्कोस कंपनी को मंडी में एक मांग पत्र देंगे जिसमे मांग कि जाएगी कि जब एक बार सर्वे हो चूका है तो फिर से दोवारा इसे करने का क्या औचित्य है या पहले बाले सर्वे को दर किनार करने कि क्या मजरुरत आन पड़ी है इसके इलाबा फैसला लिया गया कि आगामी 10 जून को सुभह 10-12 बजे सभी गांवों में टमाटर के खेतो में कम करते हुए बिरोध पर्दर्शन किया जाएगा और उसकी प्रतिलिपि राज्य सरकार को भेजेंगे।
समिति के सह सचिब, गुलाम रसूल ने जोर देकर कहा कि अधिकतर किसान प्रस्तावित हवाई अड्डे की वजह से भूमिहीन तथा विस्थापित हो जायेंगे और बल्ह क्षेत्र का नामोनिशान ही मिट जायेगा। बल्ह कि जनता जो नकदी फसले उगा कर जीवन चला रही है उन्हें बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा पूरी तरह से तबाह हो जायेंगे ।
समिति के सदस्य श्याम लाल चौधरी ब भवानी ने कहा कि हिमाचल सरकार ने पुनर्स्थापना और पुनर्निवास की कोई नीति घोषित नहीं की है। बल्ह प्रस्तावित हवाई क्षेत्र में जमीन के सरकल रेट इतने कम है कि जमीन कौड़ियो के भाव जायेगी। अब 1.64 से 4.70 लाख प्रति बीघा कर दिए है, जबकि किसान 3 से 4 लाख प्रति बीघा नकदी फसलों से प्रति वर्ष कमा रहा है
वर्चुअल बैठक में बल्ह बचायो किसान संघर्ष समिति, कार्यकारणी जिसमे प्रधान,जोगिन्दर वालिया, उपप्रधान, गुलाम रसूल, प्रेमदास चौधरी ब श्यामलाल चौधरी, सचिब, नन्दलाल वर्मा, सह-सचिव, बिहारी लाल, रोशन लाल, भवानी सिंह, ब चुनीलाल सकलानी ने हिस्सा लिया।