एप्पल न्यूज, शिमला
सुर साम्राज्ञी- स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर ने आज देह त्याग दी। भले ही वह अब हमारे बीच नहीं रही लेकिन उनकी आवाज हमेशा हमारे कानों में गूंजती रहेगी।
8 जनवरी से मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उपचाराधीन थी, लेकिन कल से उनकी तबियत बिगड़ी और आईसीयू में भर्ती किया गया। सभी को उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद थी मगर विधाता को कुछ और ही मंजूर था।
चिकित्सकों के मुताबिक आज सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली और हमेशा के लिए हम सभी को अलविदा कह गई। डॉक्टरों ने उनके निधन के कारण मल्टी ऑर्गन फेल्योर बताया। लंबे ईलाज के बाद 92 वर्ष की मर्ज लता मंगेशकर दुनिया छोड़ गई।
लता मंगेशकर के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। केंद्र सरकार ने भारत रत्न लता मंगेशकर के स्वर्गवास पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। उन्हें हमेशा उनके गीतों से याद किया जाएगा। उनका स्वर, उनके गीत लोग पीढ़ियों तक सुनते रहेंगे।
लता दीदी ने अब तक करीब 30 हजार गीत कई भाषा और बोलियों में गाए। देश का शायद ही कोई शख्स हो जिसके कानों में उनके स्वर न गूंजे हो। उनका जीवन सुर और संगीत के लिए ही था। देशभक्ति से ओतप्रोत ‘ऐ मेरे वतन के लोगो, ज़रा आंख में भर लो पानी’ एक ऐसा गीत है जो अमर है और देशभक्ति का जज़्बा जागृत करता है।
जय हिन्द
एप्पल न्यूज़ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है।