हिमाचल प्रदेश के आधुनिक शिल्पकार व पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह का 23 जून को 89वाॅं जन्म दिन है। प्रदेश के लोगों के दिलों में उनके प्रति इतना आदर व स्नेह था कि हर वर्ष 23 जून को पूरे प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों से लोग अपने पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ अपने महबूब नेता के निवास स्थान होली लाॅज शिमला में जन्म दिन मनाने आते थे। आज वे हमारे बीच नहीं हैं, परन्तु जो स्नेह व प्रेम प्रदेश की जनता का उनके प्रति रहा है, वह लोगों के दिलों से कभी भी मिट नहीं सकता।
हिमाचल प्रदेष कांग्रेस कमेटी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि प्रदेष में सभी 72 संगठनात्मक ब्लाकों में दिवंगत वीरभद्र सिंह के जन्म दिवस को “विकास दिवस“ के रुप में मनाया जाएगा और भविष्य में भी कांग्रेस पार्टी हर वर्ष इस दिन को इसी तरह मनाएगी। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन षिमला में प्रात 11.00 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष प्रतीभा सिंह शामिल होंगी।
दिवंगत वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को बुशहर राजघराने के रामपुर में हुआ। अपनी षिक्षा पूर्ण करने के बाद 1962 में प्रथम बार वे महासू लोकसभा चुनाव क्षेत्र से तीसरी लोकसभा के लिए कांग्रेस पार्टी के सबसे युवा सांसद निर्वाचित हुए।
1967 में वे पुनः इसी लोकसभा क्षेत्र से द्वारा सांसद चुने गए। 1971, 1980, व 2009 में मण्डी लोक सभा से कांग्रेस पार्टी के सांसद निर्वाचित हुए। वीरभद्र सिंह कोे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरु के साथ काम करने का मौका मिला।
उसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी व मनमोहन सिंह की सरकार में पर्यटन, नागरिक उड़यन, उद्योग, इस्पात, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालयों में केन्द्रीय मंत्री बने। वीरभद्र सिंह 1977 में पहली बार हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
पूरे देश में कांग्रेस पार्टी के हाषिये पर जाने के बाद भी वीरभद्र सिंह ने अपने निजि आवास होली लाॅज शिमला से पार्टी का संचालन किया। वर्ष 1992 तथा 2012 में फिर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
वीरभद्र सिंह 1983 में पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने तथा 1983-1985, 1985-1990, 1993-1998, 1998, 2003-2007 व 2012-2017 तक छः मर्तबा हिमाचल प्रदेष के मुख्यमंत्री बने। अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में इस प्रदेष के चंहुमुखी विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
आज जहां पूरे प्रदेष के दूरदराज क्षेत्रों तक सडकों का जाल बिछाया गया, हर घर को बिजली उपलब्ध करवाई गई, स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में जहां प्रदेष के अन्दर उच्च गुणवता के बड़े बड़े स्वास्थय संस्थान मौजूद हैं, वहीं गांव-गांव तक स्वास्थय केन्द्र व उपकेन्द्र खोले गए।
लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए अनेकों बड़ी-बड़ी पेयजल योजनाएं चलाई गई। प्रदेष में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सस्ती दरों पर खद्यान उपलब्ध करवाने के लिए गांव-गांव में उचित मूल्य की दूकाने खोली गई।
हर गरीब के बच्चों को घर द्वार पर षिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए गांव-गांव में सरकारी षिक्षण संस्थान खोले गए तथा कृषि व बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक से युक्त कृषि व बागवानी विष्वविद्यालय खोले गए। मजबूत आधारबूत ढांचे के परिणाम स्वरुप आज हिमाचल साक्षरता दर में देष में दूसरे स्थान पर है।
बेरोजगार युवाओं को अधिकाधिक रोजगार मिल सके इसके लिए विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों व निजि क्षेत्र के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए गए। कर्मचारियों तथा पैषनरों के कल्याण के लिए समय-समय पर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उचित निर्णय लिए गए।
हिमाचल प्रदेष के विकास के प्रति समर्पित दिवंगत वीरभद्र सिंह के सपनों को साकार करने के लिए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी आगामी विधान सभा चुनावों में उनके द्वारा प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों को जन-जन तक पंहुचाएगी।