एप्पल न्यूज़, शिमला
केंद्र की भाजपा सरकार ने आटा, चावल जैसी दैनिक उपभोक्त की वस्तुओं पर नए ज़माने का जजिया टैक्स लगाकर पहले से महंगाई की मार झेल रहे ग़रीबों पर भारी भरकम बोझ लाद दिया हैं। यह बात जुब्बल नावर कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर ने प्रेस में ज़ारी एक बयान में कही।
रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने नोटबन्दी, ग़लत जीएसटी क्रियान्वयन जैसी ग़लत आर्थिक नीतियों के बाद अब आम आदमी की दैनिक उपभोग की वस्तुओं को राजस्व अर्जित करने का मुख्य साधन बना दिया है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले केंद्र भाजपा सरकार दूसरे देशों को अनाज बांटने की बात कर रही और अब आटा, चावल व अन्य खाद्य पदार्थो पर टैक्स लगाकर ग़रीबों का राशन छीन रही हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि केंद्र भाजपा सरकार कृषि- बाग़वानी में उपयोग होने वाली कीटनाशक-फफूंदनाशक दवाइयों, खाद, कार्टन, ट्रे व उपकरण पर मनमाने तरीक़े से जीएसटी का बोझ बाग़वान- किसान पर लाद रही हैं।
केंद्र की भाजपा सरकार 2022 तक किसानों-बाग़वानों की आय दोगुना करने की बात करती आ रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र भाजपा सरकार के गत आठ वर्षों के कार्यकाल में कृषि- बाग़वानी पर लगातार लागत बढ़ती जा रही हैं जबकि किसानों को उनकी फ़सल के दस साल पुराने दाम मिल रहे हैं।
यूपीए सरकार के कार्यकाल 2014 में घरेलू गैस की क़ीमत ₹410 रुपए प्रति सिलेन्डर हुआ करती थी लेक़िन केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा जीएसटी वसूल करने से आज सिलेन्डर के दाम ₹1100 रुपये का आंकड़ा पार कर चुके है।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार की ग़लत नीतियों से बाग़वान, व्यापारी, मजदूर, पर्यटन उद्योग से जुड़े उद्यमी और पढ़े-लिखे युवा कठिन दौर से गुज़र रहे है। भारत 116 देशों के वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआई) में पड़ोसी देशों से भी फिसलकर निचले स्थान पर आ गया है।
उन्होंने कहा कि रोटी कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं जनता का अधिकार हैं लेकिन मौजूदा सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते मंहगाई दर 15 वर्षो के सर्वाधिक स्तर पर जबकि बेरोजगारी 45 वर्ष के सर्वोत्तम स्तर पर पहुँच गई हैं।