एप्पल न्यूज़, शिमला
देश की मिनी रत्न कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम के सीएमडी नंदलाल शर्मा ने दावा किया है कि एसजेवीएन देश-विदेश में आने वाले सालों के भीतर 75 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करेगा। इस निवेश से जहां हिमाचल को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा वहीं सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
एसजेवीएन के प्रबंध निदेशक नन्द लाल ने बताया कि यह कम्पनी का 35 वां वर्ष हैं। कम्पनी इसे कोरल जुबली के रूप में मना रही हैं इस उपलक्ष्य में कम्पनी अनेक कार्यक्रम करेगी।
उन्होंने बताया SJVN ने 2040 तक 50 हजार मेगावाट का लक्ष्य रखा हैं जिसे 3 स्टेज में पूरा किया जाएगा। जिसमें 2023-24 तक 5 हजार, 2030 तक 25 हजार मेगावाट जबकि 2040 तक 50 हजार मेगावाट का लक्ष्य रखा हैं इस दिशा में काम किया जाएगा।
प्रदेश में हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पर काम चला है जो 24-25 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 35 हजार करोड़ के प्रोजेक्टस का कार्य प्रगति पर है।
एसजेवीएन रोजगार के नए मार्ग सृजित कर रहा है। 2021-22 एसजेवीएन का कुल कारपोरेट सामाजिक उतरदायित्व व्यय 51.66 करोड़ रूपये हैं।
SJVN के CMD नन्दलाल ने कहा कि कम्पनी की स्थापना के 34 साल पूरे हो गए हैं। 35 वें साल को कोरल जुबली के नाम से मनाया जाएगा। इसे 35 सप्ताह पूर्व शुरू किया गया है जो मई 2023 तक चलेगा।
2017 में लक्ष्य रखा था कि 2024 तक 5000 MW विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा था। नए माइल स्टोन स्थापित कर अब लक्ष्य को 2024 तक 5000 MW, 2030 तक 25 हजार MW और 2040 तक 50 हजार MW कर दिया है।
हिमाचल में लूहरी और धौलासिद्ध प्रोजेक्ट का कार्य प्रगति पर है। जिसमें 2500 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। 382 MW सुन्नी डैम प्रोजेक्ट की क्लियरेंस भी चल रही है जल्द अप्रूवल मिलते ही एक माह के भीतर कार्य शुरू होगा इस पर 2600 करोड़ निवेश होगा।
35000 करोड़ के 14 प्रोजेक्ट निगम के निर्माणाधीन है। जिसकी क्षमता 4500 MW है। ये भारत और नेपाल व भूटान में बन रहे हैं। भारत सरकार ने CPUs को नोवेश के निर्देश दिए थे।
निगम की कैपिटल एक्सपेंडिचर 2017-18 में 407 करोड़ प्रति वर्ष था। 2021-22 में 5260 कैपेक्स किया। आगामी वर्ष का लक्ष्य 8000 करोड़ रखा गया है।
उन्होंने कहा कि जब विकास कार्य होते हैं तो जमीन भी चाहिए, सड़क, पेयजल, बिजली और अन्य कार्य तभी होंगे जब जमीन होगी। इसके बदले मुआवजा भी दिया जा रहा है।
इसके लिए सभी पावर प्रोड्यूसर PSUs ने लहर कार्यक्रम शुरू किया गया है। सभी एक प्लेटफॉर्म पर आकर हाइड्रो के पक्ष में लहर बनाएंगे और जनता को जागरूक करेंगे।
निगम अब तक 5000 करोड़ की फ्री बिजली का हिस्सा हिमाचल सरकार को दे चुकी है। निगम में 26.61% शेयर हिमाचल सरकार का है।
क्लियर है कि जब तक जनता का विरोध होगा तब तक निगम प्रोजेक्ट नहीं बनाएगा।