एप्पल न्यूज़, शिमला
नए साल के जशन के चलते शिमला के माल रोड और रिज पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है। रिज मैदान को ख़ाली करवा दिया गया है। पर्यटकों को अपने होटलों में वापिस जाने को कहा गया है। प्रशासन इसका कारण कोरोना का खतरा बता रहा है लेकिन बड़ा सवाल ये कि कोरोना बम का इतना ही खतरा था तो फिर दिन भर पुलिस व प्रशासन कहाँ सोया हुआ था। क्या दिन भर प्रशासन को शिमला में आए हजारों लोगों की भीड़ नजर नहीं आईं।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सूचना मिली है कि शिमला सहित कई स्थानों पर आतंकी हमले हो सकते है। IB के माध्यम से खुफिया तंत्र को मिली किसी हमले की धमकी की सूचना में शिमला के रिज, माल रोड, रेलवे स्टेशन व किसी होटल में बम से हमले की सूचना के बाद प्रशासन ने तुरन्त कार्रवाई करते हुए धारा 144 लगा दी और पुलिस प्रशासन ने पूरे रिज व माल रोड को खाली करवा दिया।
किसी भी अनहोनी को देखते हुए रिज को खाली करवा दिया और माल रोड पर भी किसी तरह के कार्यक्रम या भीड़ एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है। धारा 144 के तहत 4 से ज्यादा लोगों को एक स्थान पर खड़े होने की इजाजत नहीं दी जाती।
पुलिस ने बम निरोधक दस्ते के साथ ही खोजी कुत्ते व मेटल डिटेक्टर भी तैनात किए। करीब 7:30 बजे से 9 बजे तक मैदान खाली करने के बाद खोज जारी रखी गई लेकिन कुछ भी इस तरह का सामान या सूचना नहीं मिली जिससे खतरा हो।
इस सब के बीच शिमला मे उमड़ी भारी भीड़ कोरोना विस्फोट को निमंत्रण दे रही है। बिना मास्क और नियमों को दरकिनार कर उमड़ी ये भीड़ आने वाले वाले दिनों में हिमाचल वासियों को मुसीबत में डालेगी, ये तय है। जबकि ये पता है कि पंजाब, चंडीगढ़ व दिल्ली सहित कई राज्यों में कोरोना विस्फोट हो चुका है।
जबकि स्थानीय जनता लगातार पर्यटकों को नववर्ष के जश्न के लिए यहां खुला निमंत्रण दिए जाने पर रोक लगाने की मांग कर रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ कहा कि भले ही कोरोना आये लेकिन पर्यटकों पर रोक नहीं लगाएंगे। यही स्थिति पहली लहर में भी थी। तब तो सरकार के पास एक अटपटा लॉजिक था कि उनके पास कोई तजुर्बा नहीं लेकिन इस बार तो पूरा तजुर्बा है। क्योंकि कोरोना का नया रूप ओमिक्रोन हिमाचल में नही पैदा हुआ बल्कि पासपोर्ट के साथ आये पर्यटकों के साथ यहां पहुंचा लेकिन सरकार को होटल कारोबारियों के व्यवसाय की चिंता है आम लोगों की नहीं।
तब भी आम जनता पिसी थी अब भी आम जनता पिसेगी। जबकि आम जनता की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन सरकार को अपना 4 साल का जश्न मनाना था और क्रिसमस व नए साल के जश्न के नाम पर पैसा बटोरना था। तो सरकार उसमें सफल हो चुकी है अब तो जनता भुगते। अब जल्द फिर से प्रदेश लोकडाउन की ओर बढ़ रहा है और मुसीबत जनता को झेलनी पड़ेगी जबकि वो पर्यटक तो माल रोड व रिज पर भी पेशाब कर चले जायेंगे।
अब इतना जरूर है कि जो पर्यटक यहां नए साल का जश्न मनाने की मंशा से आये थे उनके मंसूबों पर पानी फिर गया। और अब जश्न नहीं माना पाएंगे। लेकिन भुगतना यहाँ की जनता को होगा, सरकार का कुछ नहीं बिगडेगा।