एप्पल न्यूज़, शिमला
राजधानी शिमला में राजधानी शिमला में नगर निगम चुनावों को लेकर रोस्टर लागू करने के लिए कैबिनेट के संशोधन के आधार पर शहरी विकास विभाग ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी है । इसके मुताबिक शहर में नगर निगम चुनावों के लिए वार्ड अधिकतम जनसंख्या नहीं बल्कि सबसे कम जनसंख्या के आधार पर आरक्षित होंगे। उदाहरण के तौर पर जिस वार्ड में महिला जनसंख्या की संख्या सबसे कम होगी। वे महिला प्रत्याशी के लिए आरक्षित होगा। ऐसे 17 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होने हैं । इसमें तीन विशेष जाति की महिला प्रत्याशियों के वार्ड भी शामिल है। इससे पहले अभी तक अधिकतम महिला जनसंख्या के आधार पर वार्ड आरक्षित होते रहे हैं । इसी तरह से अगली बार महिलाओं के वे वार्ड आरक्षित होंगे। जिनमें वोटरों की जनसंख्या पहली बार आरक्षित हुए महिला वोटरों से ज्यादा होगी , राज्य सरकार की ओर से किए गए संशोधन में इसके अलावा डीलिमिटेशन को नए सिरे से वार्डों के गठन के शब्द से भी बदल दिया है । शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की ओर से ये अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी है।
पहली बार न्यूनतम जनसंख्या पर होगा वार्डों का आरक्षण
इस बार होने वाले चुनावों को डीलिमिटेशन मानते हुए नए सिरे से वार्डों का आरक्षण किया जाएगा। शहरी विकास विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में साफ है कि पहली बार रोस्टर लागू होगा। जिन 17 वार्डों में महिला वोटरों की संख्या कम महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। इसी तरह से विशेष जाति के वर्ग के प्रत्याशियों के लिए वार्डों को आरक्षित किया जान है।
कई वर्तमान पार्षदों को मिल सकती है राहत
शहर में नगर निगम चुनाव के दौरान यदि 2017 के नियमों के आधार पर लागू किया जाता तो अधिकतम निवर्तमान पार्षदों को चुनावों से बाहर होना पड़ता । अब राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन कर दिया है। इसलिए कई वर्तमान पार्षदों के वार्ड फिर से उनके वर्ग के लिए आरक्षित हो सकते हैं। इसमें उनकी लाटरी फिर से लग सकती है।
कई नेताओं के टूटे सपने
2017 के चुनावों के आधार पर दूसरी बार रोस्टर के लागू होने के आधार पर रोस्टर लगता तो कई नेताओं ने चुनावी तैयारी पूरी कर ली थी। अब उनके सपने टूट जाएंगे। उन्हें इन निगम चुनावों में राज्य सरकार के इस संशोधन के बाद अब कई नेताओं के अपने लिए राजनीतिक जमीन दूसरे वार्ड में तलाशनी पड़ सकती है