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डूमेश्वर देवता मंदिर गुठान में उमड़ा भक्तों का  सैलाब, 22 रियासतों का भ्रमण करने के उपरांत गुठान में डूमेश्वर देवता का देवयज्ञ आरंभ

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एप्पल न्यूज़, शिमला

शिमला जिला के गुठान में तीन दिवसीय डूमेश्वर देवता महायज्ञ आरंभ हो गया । इस महा देवयज्ञ में विभिन्न क्षेत्रों  से आए  13 देवता भाग ले रहे हैं ।

बता दें कि बीते पांच वर्षों से  22 रियासत और 18 ठकुराईयों  के भ्रमण पर निकले डूमेश्वर देवता अब अपने मूल स्थान गुठान पहूंचने पर महा देवयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है । जिसमें देवता सम्राज्य से जुड़ी 22 रियासतों के लोग भाग ले रहे हैं ।

मंदिर समिति के पदाधिकारी  सुभाष भंडारी ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों के 13 देवता  गुठान पहूंच चुके हैं । परंपरा के अनुसार देवयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है । उन्होने बताया कि  देवयज्ञ जिसे स्थानीय भाषा में भडातर कहते हैं। ंं

इनका कहना  है कि कोरोना काल के कारण इस मर्तबा 22 रियासतों और 18 ठकुराईयों के भ्रमण में करीब पांच वर्ष लग गए है अन्यथा यह देवयात्रा तीन वर्षों में पूर्ण हो जाती थी । उन्होने बताया कि देवयज्ञ में लोगों के ठहरने और भोजन इत्यादि की कमेटी द्वारा उचित व्यवस्था की गई है ।


सुभाष भंडारी  ने बताया कि भ्रमण के दौरान  डूमेश्वर देवता के रथ  की चार सौ  अधिक गांवों में जातरंें निकाली गई जिसमें सैंकड़ों लोगों ने देवता का आर्शिवाद प्राप्त किया ।

उन्होने बताया कि डूमेश्वर देवता तत्कालीन क्योंथल रियासत के महाराजा के वचनबद्ध होकर बीस वर्षों बाद समूचे क्षेत्र का भ्रमण पर निकलते हैं  । हालांकि अभी तक देवता को अपने मंदिर में नहीं रखा गया है ।  

प्राचीन परंपराओं के निर्वहन के उपरांत करीब एक वर्ष उपरांत देवता  अपने मंदिर में विराजमान होगें । बता दें कि अभी तक देवता गंुठान के कोटेश्वरी माता के मंदिर में रखे गए हैं  । सुभाष भंडारी ने बताया कि भडातर होने के बाद 24 जून को  डूमेश्वर देवता को स्नान लिए माता हाटेश्वरी मंदिर ले जाया जाएगा।

तदोंपरात खीण खुलने पर लोग देवता की अपने घर बुलाकर पूजा करवा सकेंगे । खीण खुलने के उपरांत देवता पालकी में विराजमान होगें जिसमें केवल चार प्रमुख मूर्तियां रखी जाएगी  । जबकि देवरथ में अभी कुल 13

े मूर्तिया अर्थात मोहरे लगे हैं जिसमें एक अहिचा ब्राह्मण का पुतला भी शामिल है ।
सुभाष भंडारी ने बताया कि अगले वर्ष चैत्र नवरात्रें को डूमेश्वर देवता को कांगड़ा के नगरकोट धाम भ्रमण पर ले जाया जाएगा । नगरकोट में स्नान करने के उपरांत देवता अपने मंदिर गुठान में विराजमान होगें ।

बताया कि  जिन क्षेत्रों भ्रमण कर देवता वापिस लौटे  है उन सभी क्षेत्र के लोगं महा देवयज्ञ अर्थात भडातर में भाग ले रहे है ।               

उन्होंने

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