एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल में सियासी पारा चढ़ने लगा है। कांग्रेस गवर्नमेंट “सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के तहत आज से अगले 36 दिन तक प्रत्येक पंचायत में जाकर सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएगी।
इस कार्यक्रम के जरिए सुक्खू सरकार का जनता से सीधा संवाद करेगी । हर पंचायत में जा कर सरकार की 1 साल की उपलब्धियां बताई जायेंगी और जनता की समस्याओं का समाधान भी होगा। कई विधानसभाओं में सोमवार से ही इसकी शुरुआत हो गई है।
वहीं दूसरी तरफ भाजपा सुक्खू सरकार के इस कार्यक्रम को हू ब हू पूर्व की जयराम सरकार के जनमंच कार्यक्रम को कॉपी कर रही है। भाजपा के मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री खुद ही कन्फ्यूज हैं ।
पहले सीएम ने कहा कि 8 जनवरी से इसकी शुरुआत होगी । लेकिन आज उन्होंने कहा की अभी आधिकारिक शुरुआत कुछ दिन में होगी । जिससे ये पता चलता है कि सत्ता में आने के 1 साल के बाद कांग्रेस के चुनाव हारे प्रत्याशी, विधायक और मंत्री जनता के बीच जाने लायक नहीं हैं।
हिमाचल में 90 फीसदी लोग गांव में रहते हैं । सुक्खू सरकार ने जनता तक पहुंचने के लिए सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की शुरुआत करने की बात कह रही है । इस कार्यक्रम के जरिए सरकार आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में भी जुट गई है।
बता दें कि इससे पहले जयराम सरकार में जनमंच और उससे पहले वीरभद्र सरकार में प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम चलाया जा चुका है ।
पूर्व की जयराम सरकार के जनमंच कार्यक्रम के दौरान कई विवाद भी सामने आए । जिसमें अधिकारियों को जनता के सामने बेइजत करना, लताड़ लगाना, पैसे का दुरुपयोग करना जैसे गंभीर आरोप इस समय कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए लगाए थे । कांग्रेस जनमंच कार्यक्रम को झंडमंच कार्यक्रम भी कई बार बता चुकी है ।
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए दोनो ही पार्टियां एक्शन मोड में दिखाई दे रही हैं । रिवाज बदलने से चूक गई BJP भी पीछे नहीं है। भारतीय जनता पार्टी अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और अक्षत कलश यात्रा को भुनाने के लिए घर-घर जा रही है।