एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप मनकोटिया ने कहा कि एस एम सी शिक्षकों को ले कर हाई कोर्ट शिमला और सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि एस एम सी शिक्षकों की सेवाएं smc पॉलिसी के अनुसार तब तक ही है जब तक नियमित शिक्षक नहीं आ जाता। नियमित शिक्षक के आते ही SMC शिक्षकों की सेवाएं समाप्त है।
वर्तमान सरकार LDR नीति अपना कर प्रदेश के एस एम सी शिक्षक और बेरोजगार दोनों के साथ राजनीति कर रही है जो असंवैधानिक है। नियुक्ति के उपरांत सेवा नियम बनाना गैर कानूनी है।

SMC TEACHERS कि नियुक्ति SMC नीति के तहत हुई थी और उसी नीति के अनुसार इनको हटना भी पड़ेगा। 5 परसेंट की बात करके 100 परसेंट देना भी अपनी ही असंवैधानिक नियम को बना कर उसकी भी अवहेलना कर रही है वर्तमान सरकार।
बेरोजगार अध्यापक संघ और प्रदेश सरकार से पूछता है कि आपने सत्ता में आ कर कितनी नियमित शिक्षक की भर्ती की। कितने सीएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षकों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार शिक्षक भेजे।
रेगुलर भर्ती वर्तमान सरकार से हो नहीं रही ओर सीएमसी शिक्षकों को ले कर मुद्दा बना रही है सरकार।प्रदेश सरकार संविधान से ऊपर नहीं है।
अगर प्रदेश सरकार अपनी मनमानी करेगी तो बेरोजगार संघ एक बार फिर से न्यायालय का दरवाजा खोलेगा और पूरे प्रदेश में बेरोजगार आंदोलन भी कर सकते है।
उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार को आग्रह कर रहा हूं कि सरकार नई भर्ती करके स्कूलों में चल रहे रिक्त पदों को भरे ।और सीएमसी शिक्षकों को न्यायालय के आदेश अनुसार हटा कर नियमित शिक्षक भेजे।







