5 हज़ार करोड़ की आर्थिकी पर संकट: राठौर
एप्पल न्यूज़, शिमला
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता व विधायक ठियोग कुलदीप राठौर ने कहा कि ईरान का सेब अफगानिस्तान के रास्ते से अवैध रूप से आयात हो रहा है। इससे हिमाचल के बागवानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।
शिमला में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कुलदीप राठौर ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस मामले पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। उन्होंने सांसदों से भी इस मामले को केंद्र के समक्ष प्रमुख्ता से उठाने की मांग की है। राठौर ने कहा कि हिमाचल के 20 से 22 विधानसभा क्षेत्रों में सेब पैदा होता है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से भी उन्होंने मांग की है कि वे भी केंद्र सरकार के समक्ष इस मामले को उठाए ताकि प्रदेश के बागवानों के साथ न्याय हो सकें।
राठौर ने कहा कि इस मामले को वह विधानसभा में भी उठाएंगे। पहले भी इस मामले को सदन में उठा चुके हैं। राठौर ने कहा कि प्रदेश के बागवानों ने कोल्ड स्टोर व सीए स्टोर में सेब रखा हुआ है।
इसका मकसद यही रहता है कि ऑफ सीजन में उन्हें अपनी फसल के अच्छे दाम मिल सके। इसके लिए वह हर महीने सीए स्टोर का किराया देते हैं। इन दिनों बागवान अपने सेब को सीए स्टोर से निकालते हैं, लेकिन इन दिनों दाम ही नहीं मिल रहे हैं।
राठौर ने कहा कि यूएसए, तूर्की, इटली, न्यूजीलैंड व पोलैंड जैसे देशों में सेब की पैदावार होती है। लेकिन सेब आ अफगानिस्तान के रास्ते से रहा है। जबकि अफगानिस्तान में ड्राई फ्रूट का उत्पादन होता है।
उन्होंने कहा कि ईरान का सेब अफगानिस्तान के रास्ते से लाया जा रहा है। अफगानिस्तान के साथ हमारे देश की संधी है जिसके चलते वहां आयात शुल्क नहीं लगता। इस कालाबाजारी से हिमाचल में सेब के दाम गिर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अवैध रूप से सेब का आयात रोकने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। राठौर ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री व गृहमंत्री ने हिमाचल के बागवानों से वायदा किया था कि सेब पर आयात शुल्क को 50 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाएगा।
लेकिन 5 सालों में इसे बढ़ाना तो दूर उल्टा 50 से 30 प्रतिशत पर ला दिया। इससे हिमाचल का सेब उद्योग संकट में है। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े बड़े सेब के व्यापारियों के दबाव में केंद्र ने यह कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के बागवानों ने उनके साथ मुलाकात कर अपनी चिंता जताई है। राठौर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने वायदा किया था कि किसान व बागवानों की आय को दोगुना किया जाएगा, लेकिन दाेगुना करने के बजाए उन्हें आर्थिक संकट में डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि डीजल व पैट्रोल के दाम स्थिर है। जबकि कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे है। जून 2022 में 120 रुपए प्रति बैरल कच्चा तेल था फरवरी 2024 में 77 रुपए प्रति बैरल है। कंपनियां लगातार मुनाफा कमा रही है और आम लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है।