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हिमाचल में 68 में से 61 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को मिली बढ़त, CM, मंत्री और 5 CPS भी अपने क्षेत्रों से हारे- बिंदल

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6 मुख्य संसदीय सचिवों में से 5 मुख्य संसदीय सचिव अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में चुनाव हार गए 

एप्पल न्यूज़, शिमला

हिमाचल प्रदेश के 2024 के चुनावों के परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 राजीव बिन्दल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लोकसभा की लगातार तीसरी बार चार की चार सीटें भाजपा ने जीतकर इतिहास रचा है। यह जीत नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व की जीत है, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व की जीत है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा संगठन की जीत है। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश पदाधिकारी तक सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर इस चुनाव को जीत में बदला है।

लगातार कार्यक्रमों की श्रंखला, नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, जगत प्रकाश नड्डा, नितिन गडकरी, योगी आदित्यनाथ व अन्य नेताओं की जनसभाओं की श्रंखला ने चुनाव प्रचार को बेहतरीन तरीके से उठाया। भाजपा हिमाचल प्रदेश, हिमाचल की जनता का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करती है, धन्यवाद करती है।

2024 का लोकसभा का चुनाव प्रदेश की कांग्रेस की सरकार के खिलाफ जनमत है। प्रदेश की जनता ने सुखविन्द्र सुक्खू की सरकार व कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मजबूत जनमत दिया है।

सुक्खू सरकार द्वारा सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया गया। कर्मचारियों, अधिकारियों, व्यापारियों को निरंतर धमकाया गया, डराया गया। मसल पावर, मनी पावर का दुरूपयोग चुनाव को जीतने के लिए करने के बावजूद भाजपा चार की चार सीटें जीतने में कामयाब हुई है।

यह उद्धृत करना महत्वपूर्ण होगा कि 68 विधान सभा क्षेत्रों में से 61 विधान सभा क्षेत्रों में भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।

सरकार में मुख्यमंत्री को मिलाकर 12 मंत्री हैं जिनमें मुख्यमंत्री सहित 10 मंत्री अपने चुनाव क्षेत्रों में चुनाव हार गए हैं।

सरकार में 6 मुख्य संसदीय सचिव है। ज्ञात रहे यह मुख्य संसदीय सचिव गैर कानूनी तरीके से सत्ता का लाभ ले रहे हैं और इन 6 मुख्य संसदीय सचिवों में से 5 मुख्य संसदीय सचिव अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में चुनाव हार गए हैं।मुख्यमंत्री का अपने विधान सभा क्षेत्र से चुनाव हार जाना स्पष्ट रूप से सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के खिलाफ जनादेश है। उनके अपने विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं ने उनको नकार दिया है।

आनंद शर्मा जो कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं, नेहरू-गांधी परिवार के चहेते हैं, उनका भाजपा के एक कार्यकर्ता से 2.50 लाख से अधिक वोटों से हारना कांग्रेस सरकार व कांग्रेस पार्टी के लिए सबक है।

विक्रमादित्य सिंह का कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण मंत्री रहते हुए चुनाव हारना और शिमला ग्रामीण क्षेत्र जो कि उनका अपना क्षेत्र है वहां से चुनाव हारना यह स्पष्ट संकेत है कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से चारो खाने चित हुई है।

कुल 40,48,000 पोल हुए वोटों में से 22,90,819 वोट भाजपा को प्राप्त हुए जो कि कुल पड़े मतों का 57 प्रतिशत है और कांग्रेस को 16,91,000 वोट मिले जोकि 42 प्रतिशत है।

भाजपा ने कांग्रेस के उपर 15 प्रतिशत वोट की बढ़त बनाई है जबकि 2022 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 0.9 प्रतिशत वोट की बढ़त मिली थी।

डाॅ0 बिन्दल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू उपरोक्त चुनाव परिणामों के मद्देनजर सत्ता में हरने का अपना हक खो चुके हैं। जनमत पूरी तरह से उनके खिलाफ है और उन्हें नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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