एप्पल न्यूज, धर्मशाला
हिमाचल विधानसभा के इतिहास में संभवतः यह पहला मामला होगा जब शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन प्रश्नकाल शुरू होने से पहले नियम 67 के तहत विपक्ष के लिए प्रस्ताव पर बिना किसी शोर शराबा के चर्चा शुरू की हो।
धर्मशाला में आज से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज सत्र से पहले ठीक 11 बजे नेवा यानी नेशनल ई विधान प्रणाली को लॉन्च किया गया।
करीब आधा घंटा बाद सत्र शुरू होने ही वाला था कि विपक्ष की ओर से विधायक रणधीर शर्मा ने पूर्व में दिए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की।
रणधीर शर्मा ने अध्यक्ष कुलदीप पठानिया से काम रोककर पहले नियम 67 के तहत “हिमाचल सरकार के दो साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों पर चर्चा” की मांग की।
हालांकि अध्यक्ष ने आग्रह किया कि प्रश्नकाल के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर व्यवस्था दी जाएगी लेकिन रणधीर शर्मा अड़े रहे।
इसी बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपनी बात रखने की इजाजत मांगी और कहा कि सरकार विपक्ष के लिए प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है।
इस पर विपक्ष बिल्कुल हतप्रभ सदन में एक दूसरे को देखते रहे क्योंकि विपक्ष को उम्मीद ही नहीं थी कि सदन में यकायक चर्चा के लिए सरकार तैयार होगी। सुक्खू के इस निर्णय से सभी हैरान हो गए।
हाल ही में दो साल के जश्न के बीच 11 दिसंबर को विपक्षी भाजपा ने राज्यपाल को “कच्चा चिठ्ठा” नाम से एक शिकायत पत्र भेजा था जिसमें सरकार के कामकाज और घोटालों पर कई प्रश्न उठाए थे। जिस पर अब सदन में चर्चा हो रही है।…… जारी