राज्य विद्युत बोर्ड का है मामला, उत्तर प्रदेश की कंपनी को पहुंचाया फायदा, 175 करोड़ के टेंडर को 245 करोड़ में किया आवंटित, वर्ल्ड बैंक का था पैसे
एप्पल न्यूज, शिमला
भाजपा के नेता एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार के एक और भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कहा कि प्रदेश में रोज नए भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा है, एसा लगता है की जब से वर्तमान सरकार ने शपथ ली है उसके बाद प्रदेश को ऑटो मोड़ पर छोड़ दीया है, कोई देखने वाला नहीं कोई पूछने वाला नहीं है।
3 जुलाई को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की बीओडी की बैठक हुई और बीओडी की बैठक में बहुत से जो सदस्य थे, उसमें कई अधिकारी थे जो नहीं आय।
उसका कारण यह था की बैठक ने आनन फानन में एक ऐस टेंडर को स्वीकृत कर दीया जोकी उसकी किमत थी उसको कई गुना अधीक बड़ा करके एक कंपनी को दे दीया और इसमें इसलिए कई अधिकारी अनुपस्थित रहे, क्योंकी उनको पता था की इस प्रकार का भ्रष्टाचार होने वाला है।
बैठक के मिनिट में प्रदेश वित्त विभाग ने कई प्रकार की आपत्तियां उठाई है। पहली आपत्ति है की जीस टेंडर की लागत 175 करोड़ रु है विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है उसको बड़ा करके जिस को ठेका दिया जा रहा है उसने 245 करोड़ रु बिड कर दिया और इसी को स्वीकृती प्रदान करने को आनन फानन में यह बैठक बुलाई गई, जिसमें वीत्त वीभाग की आपत्ती के बावजूद टेंडर पास कीया गया।
टेंडर को सिंगल बीडकरता था, उसको औचित्य करने के लिए कई तरह के करण इसमें दिए गए। इसकी एक प्रतिलिपि भी हम मिडिया के साथ सांझा कर रहे है। यह एक सरकारी दस्तावेज़ है जीसपर हस्तकरार भी है।
इसमें कारण यह दिए गए की सिंगल बीडकरता आया उसके टेंडर दे दिया औय यह एक प्रचलन बन गई है की सिंगल बीडकरता आते है और हमें फीर टेंडर करना पड़ता है। हम ऐसी औपचारिकताओं में जाना हि नहीं चहाते और इस कारण हमें टेंडर देना पड़ रहा है।
आनन फानन में इस टेंडर को आवंटित कर दिया जाता है। बैठक के मिनिट में लिखा है कि केबल का खर्च अतिरिक्त बीडकरता को उठाना होगा, इस टेंडर में केबल भाग थी ही नहीं, एक अन्य बीडकरता से बाद में बातचीत करके केबल कंपोनेंट टेंडर में डाला गया और इस बात को लिखा गया की इसका अतिरिक्त खर्च बीडकरता पर पड़ेगा ,जबकी पैसा विश्व बैंक का है, कंपनी ने से केवल काम करना है।
इस तरह के तर्क इसमें दीये गए है, यह खुला भ्रष्टाचार वरतमान कांग्रेस सरकार में हो रहा है। यह कंपनी 2022 में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुई और कंपनी का नाम है मैसर्स भारत कंन कोरप्रेट लिमिटिड, यह चितौड़ा, भजोल तेहसील चंदोसी जिला संबल यूपी में बनी है।
इसका कितना काम करने का तजुरबा होगा। कम्पनी को टेंडर कम से कम 39% से अधिक टेडर कास्ट बड़ा कर आवंटित किया गया। यह सीधा सिधा 100 करोड़ रु का भ्रष्टाचार है, जो कि वर्तमान प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुआ है।
सुधीर ने कहा कि क्या एसा तो नहीं है की वर्तमान उपचुनाव के चलते, अन्य खर्चा जो हो रहे है उसको देखते हुए खर्चे को पूरा करने के लीए इस टेंडर को जल्द से जल्द अवंटित करने का निर्णय लिया गया।
ऐसी भी जल्दी क्या थी, होना री टेंडर चाहिए था। उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा केके यह खुलम खुल्ला, दस्तावेज सहित, नीयम का उल्लंघन कर भष्टाचार का मामला है। इस प्रकार के भ्रष्टाचार के मामले कांग्रेस राज में आम हो गए है।