IMG_20250501_120218
IMG-20250530-WA0009
file_00000000784861f8b70cfecce65018fe (1)
previous arrow
next arrow

शिमला में 10वें अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव का समापन, सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार “ऑन माई वे” को

file_00000000934c61f8b77af5384f2a351e
file_00000000a3d461f9a909a929a40f939d
file_0000000006c861fb9906286a4ab087a2
file_000000006e746230a2a51781dd51f8fa
previous arrow
next arrow

राज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार थियरी ओबादिया को प्रदान किया

एप्पल न्यूज, शिमला

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल 10वें अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। यह फिल्मोत्सव भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार तथा हिमालयन वेलोसिटी के संयुक्त तत्वावधान मंे आयोजित किया गया।

राज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार थियरी ओबादिया द्वारा निर्देशित ऑन माई वे को प्रदान किया, जबकि द पैशन ऑफ महमूद ने आईएफएफएस 2024 पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ लंबी डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा अन्य श्रेणियों के फिल्मकारों को इस अवसर पर सम्मानित किया।

इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि फिल्म जगत में बॉम्बे थियेटर की बात की जाती है जबकि वहां के अधिकांश कलाकार गेयटी थियेटर से ही निकले हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा एक सशक्त माध्यम है और इसका उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिमला अपने प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन आज इसकी पहचान सिनेमा के लिए भी होने लगी है।

उन्होंने कहा कि सिनेमा दुनिया के लोगों को जोड़ता है, उनकी कहानियों को साझा करता है, और उन्हें एक दूसरे की संस्कृति, भाषा और जीवनशैली से परिचित कराता है।

अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शिमला न केवल सिनेमा के इस महत्व को उजागर करता है, बल्कि शिमला को एक वैश्विक सांस्कृतिक मंच पर ले जाने का भी कार्य करता है।

श्री शुक्ल ने कहा कि फिल्मों के माध्यम से न केवल हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजो सकते हैं, बल्कि सामाजिक मुद्दों, संघर्षों, और आम आदमी की कठिनाइयों को भी कलात्मक तरीके से दुनिया के सामने ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता या निर्देशक के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वह अपनी भावनाओं को किस प्रकार से परदे पर उतारे, ताकि दर्शक न केवल उसे देखे, बल्कि उसे महसूस भी करे।

यही सिनेमा की शक्ति है। भावनाओं को गहराई से व्यक्त करने की। आपके ऊपर समाज को सही दिशा की और ले जाने का भी दारोमदार है।

इस अवसर पर, विख्यात फिल्म अभिनेत्री एवं थियेटर कलाकार सीमा विश्वास ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इससे पूर्व, फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने राज्यपाल को सम्मानित किया तथा कहा कि 10वें आईएफएफएस संस्करण में भारत के 27 देशों और 22 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली लगभग 105 फिल्में दिखाई गईं। 60 स्वतंत्र निर्देशक जिनकी फिल्में इस महोत्सव में प्रदर्शित की गईं, उन्होंने भी तीन दिवसीय महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

तीन दिवसीय कार्यक्रम 16 से 18 अगस्त, 2024 तक शिमला में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य विश्व सिनेमा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना और दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं और फिल्म प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना था।

भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक पंकज ललित, पूर्व निदेशक, फिल्म डिविज़न बी.एस. कुण्डू, देश- विदेश से आये फिल्मकार तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Share from A4appleNews:

Next Post

बादल फटने से बाधित तकलेच तक सड़क बहाल, dC-SP एसपी ने किया निरीक्षण

Mon Aug 19 , 2024
एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर तकलेच क्षेत्र के डमराली में बादल फटने से प्रभावित हुई सड़क को बहाल कर दिया गया है। रविवार को डीसी और एस पी सड़क बहाल होने के बाद तकलेच में निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पर बागवानों के सेब के ट्रक फंसे हुए थे । सड़क बहाल […]

You May Like

Breaking News