एप्पल न्यूज़, शिमला
उत्तर दिशा के ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 के दर्शन को उस समय सैंकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ गई जब वह न्यू शिमला स्थित रिटायर्ड आईएफएस डॉ उत्तम कुमार बनर्जी के घर पहुंचे। ढोल नगाड़ों के साथ गुरु शंकराचार्य व साथ आये अन्य सन्तों का खूब स्वागत हुआ।
वीरवार को उत्तम कुमार व उनकी धर्मपत्नी शुभ्रा बनर्जी ने अपने घर पर शंकराचार्य की पादुका पूजन का कार्यक्रम रखा था। जगतगुरु शंकराचार्य की उपस्थिति में उनकी पादुका पूजन का कार्यक्रम सफल रहा और कई लोगों ने उनके दर्शन कर दीक्षा प्राप्त की। इसके बाद भण्डारे का भी आयोजन किया गया। घर पर जगतगुरु के आगमन से बनर्जी परिवार गदगद है।
शंकराचार्य देश भर में गौ हत्या को रोकने और गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसी कड़ी में न्यू शिमला में अयोजित कार्यक्रम में भी उन्होंने लोगों को जागरूक कर सनातन धर्म की रक्षा व अपने धर्म के दायरे में रहकर कार्य करने की बात कही।
बता दें अयोध्या राम मंदिर में भी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने शास्त्र और वेदों के माध्यम से अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने वाली भूमि को राम जन्म की भूमि होने का प्रमाण दिया था। गौ माता को पशु की श्रेणी से हटाकर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया है। 22 सितंबर को अयोध्या में राम मंदिर में गो ध्वज स्थापना और जयघोष के साथ यह यात्रा शुरू हुई है। इसमें उनके अनुसार 33 राज्यों की राजधानी में गौ ध्वज फहराया जा रहा है। 25 हजार 600 किलोमीटर की यात्रा 27 अक्तूबर को वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में गो ध्वज फहराने के साथ समाप्त होगी। राजधानी शिमला 33वां राज्य है जहां गौ ध्वज फहराया गया। इसी कड़ी में धर्म, संस्कृति और गौ माता के सम्मान के महायज्ञ में सनातन धर्म के ध्वज को राम मंदिर के शिखर पर फहराने का कार्यक्रम था, जिसका शंकराचार्य ने बहिष्कार कर राम मंदिर के बजाय जाखू मंदिर में गौ ध्वज की स्थापना की और अपना सन्देश दिया।