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बर्फबारी से प्रकृति ने किया हिमाचल का श्रृंगार, राहत की बर्फ, पर्यटक स्थानीय चहके, शिमला में खुले रहेंगे स्कूल

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एप्पल न्यूज, शिमला

शिमला सहित प्रदेश की तमाम चोटियों और पहाड़ियों पर बीती रात हुई बर्फबारी के बाद ऊपरी इलाकों में यातायात ठप्प है। लंबे समय से सूखे के चलते प्रदेश के भिन्न भिन्न हिस्सो में बर्फबारी हुई ।

बर्फबारी से समूचे प्रदेश में ठंड का प्रकोप जारी है जिससे तापमान में भारी गिरावट आई है । इस सीजन की पहली बर्फबारी से किसान व बागवान काफी खुश हैं। क्योंकि लंबे समय से चल रहा ड्राई स्पैल टूट गया है।

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घण्टे यानी नौ दिसम्बर को पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में वर्षा होने की सम्भावना है।

10 दिसम्बर को मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहेगा, जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। 11 से 14 दिसम्बर तक मौसम के पूरी तरह साफ रहने की उम्मीद है। 

शिमला जिला के कुफरी, फागु , ठियोग,नारकंडा, चौपाल, खड़ा पत्थर सड़क फिलहाल यातायात के लिए बाधित है। इसी तरह कई ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गई है। जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।

वहीं रोहतांग सहित पर्यटक स्थल मढ़ी, गुलाबा, अटल टनल धुंधी, सोलांग नाला, जलोड़ी जोत में भी हिमपात हुआ।

प्रशासन की ओर से सड़कों में रेत बिछाने का काम किया जा रहा और मौके पर लोक निर्माण विभाग की मशीनरी तैनात की गई है। सड़कों पर फिसलन बढ़ने से वाहनों को सावधानी से चलने की सलाह दी जाती है। यातायात बहाली का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

इसी बीच उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि किसी भी प्रकार का अवकाश स्कूलों में बर्फबारी के चलते नहीं दिया गया है। स्कूलों में कक्षाएं सामान्य रूप से चलेंगी।

वही बीते कल शिमला के जाखू में करीब 6 इंच, कुफरी में करीब 6 इंच, छितकुल में लगभग 6 इन्च, सांगला में 3 इन्च व कल्पा में 1 इन्च बर्फ पड़ी।

उधर, कुल्लू ज़िला की सभी ऊंची चोटियों पर भी हिमपात देखने को मिला, जबकि निचले इलाकों में बारिश हुई। मनाली में हल्का हिमपात और बर्फ के गिरते फाहे देख सैलानी झूम उठे।

राज्य के मैदानी व मध्यवर्ती भागों में मौसम की बेरुखी ने किसानों-बागवानों को परेशानी में डाल दिया है। सवा दो माह से बारिश न होने से फसलों व फलों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था।

कई जगह तो किसान बारिश के इंतज़ार में गेहूं की बिजाई भी नहीं कर पा रहे थे जिसे अब आसानी से किया जा सकेगा।

बादलों के न बरसने से पेयजल परियोजनाओं में भी जलस्तर घट रहा था। लेकिन अब समूचे प्रदेश में हुई पहली बर्फबारी से वाटर लेवल बढ़ेगा और सुखी ठंड से राहत मिलेगी। 


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