एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जलशक्ति विभाग के माध्यम से पेयजल कनेक्शनों पर शुल्क वसूलने की योजना शुरू की है। इस निर्णय का उद्देश्य जल संसाधनों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए आवश्यक धन जुटाना है।
राज्य के ग्रामीण इलाकों में लगभग 17 लाख पेयजल कनेक्शन हैं, और प्रत्येक कनेक्शन के लिए 100 रुपये प्रति माह शुल्क तय किया गया है। यह शुल्क 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो गया है।
सरकार ने तय किया है कि तीन महीने का बिल एक साथ जारी किया जाएगा। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं को अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए 300 रुपये का भुगतान करना होगा। यह राशि सीधे जलशक्ति विभाग द्वारा वसूली जाएगी।
इससे पहले 2019 में जल जीवन मिशन के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति को मजबूत बनाने के लिए प्रयास किए गए थे। इस योजना के कार्यान्वयन से पहले राज्य में केवल 7.63 लाख कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 17 लाख हो गए हैं।

पिछली सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी के लिए पानी की आपूर्ति मुफ्त की थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस नीति में बदलाव करते हुए सक्षम लोगों से शुल्क लेने का निर्णय किया है।
हालांकि, गरीब परिवारों को विशेष छूट दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
जलशक्ति विभाग ने कनेक्शनों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद उपभोक्ताओं को बिल जारी किए जाएंगे।
विभाग का मानना है कि यह पहल राज्य में जल प्रबंधन को सुधारने में मदद करेगी और जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए आवश्यक संसाधन जुटाएगी।
इस निर्णय के तहत, प्रत्येक परिवार को सालाना 1200 रुपये का भुगतान करना होगा। विभाग का कहना है कि इस शुल्क से इकट्ठा धन का उपयोग पाइपलाइनों की मरम्मत, पानी की गुणवत्ता बनाए रखने और जलापूर्ति की नियमितता सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। यह योजना जल संरक्षण और जल के उचित उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सबसे अधिक कनेक्शन कांगड़ा जिले में हैं, जहां चार लाख से अधिक घरों में पानी के कनेक्शन हैं। इस योजना के तहत ग्रामीण उपभोक्ताओं को नियमित रूप से पानी का बिल भुगतान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इसके अलावा, विभाग यह भी सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ताओं को स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पानी मिले।
यह योजना जहां जल प्रबंधन को प्रभावी बनाएगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।
हालांकि, इसके कार्यान्वयन में संभावित चुनौतियां जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और गरीब तबके के लिए भुगतान में कठिनाई को ध्यान में रखते हुए विभाग ने छूट और समर्थन की व्यवस्था की है।
इस प्रकार, हिमाचल प्रदेश में पेयजल कनेक्शन पर शुल्क वसूली की यह नई नीति जल संसाधनों के सतत विकास और प्रबंधन की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है। इससे ग्रामीण इलाकों में जल सेवाओं की गुणवत्ता और उनकी उपलब्धता को बनाए रखने में मदद मिलेगी।