IMG_20250125_101157
IMG_20250125_101157
previous arrow
next arrow

सिर धड़ से जुदा, शिकार को गए साथी की गोली मारकर हत्या फिर गुनाह छिपाने को ठिकाने लगाया शव

एप्पल न्यूज, सोलन/सिरमौर

यह घटना हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में हुई, जिसने न केवल मानवता को शर्मसार किया बल्कि समाज में बढ़ते अपराध और लापरवाही को भी उजागर किया। 21 जनवरी को सोलन सदर थाना क्षेत्र के जंगल में 38 वर्षीय सोमदत्त उर्फ सोनू की मौत हुई।

सोनू अपनी बहन की देखभाल के लिए सपरून में अपने जीजा यशपाल के घर आया हुआ था। उस दिन वह लकड़ी लाने के बहाने अपने जीजा के पड़ोसी की बंदूक लेकर जंगल में गया। शाम तक घर न लौटने और फोन बंद होने के कारण परिवार चिंतित हो गया।

23 जनवरी को सोनू के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की, जिसके दौरान पता चला कि सोनू के गायब होने के दिन दो अन्य व्यक्ति, भुट्टो राम और संदीप उर्फ अजय, भी अपनी गाड़ियां सड़क के किनारे खड़ी कर जंगल में शिकार करने गए थे। पुलिस ने इनकी लोकेशन ट्रेस की और इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की।

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि शिकार के दौरान संदीप ने लापरवाही से बंदूक चलाई, जिसकी गोली सोनू को जा लगी। यह गोली गलती से चली थी, लेकिन उसने सोनू की मौके पर ही जान ले ली।

इस हादसे से डरकर दोनों आरोपियों ने अपराध छिपाने की योजना बनाई। उन्होंने सोनू के शव को प्लास्टिक के बोरे में डाला और सिरमौर जिले के वासनी क्षेत्र में ले जाकर अधजला छोड़ दिया। लेकिन, पहचान मिटाने के इरादे से उन्होंने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और सुल्तानपुर के जंगल में ले जाकर गाड़ दिया।

पुलिस ने सोनू का सिर जंगल से बरामद कर लिया और अधजला धड़ भी पाया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। यह न केवल हत्या, बल्कि अपराध छिपाने के लिए की गई क्रूरता का भी मामला है।

यह वारदात जंगल में अवैध शिकार की गतिविधियों और हथियारों के गैर-जिम्मेदाराना इस्तेमाल को उजागर करती है। बंदूक का प्रयोग करते समय लापरवाही के कारण एक निर्दोष व्यक्ति की जान चली गई।

इसके बाद अपराध को छिपाने के लिए जो कदम उठाए गए, वे न केवल कानून का उल्लंघन थे, बल्कि मानवता के लिए भी शर्मनाक थे।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी साक्ष्यों का उपयोग प्रशंसनीय है। इसने न केवल आरोपियों को पकड़ने में मदद की बल्कि मृतक के परिवार को न्याय दिलाने का भी प्रयास किया।

यह घटना समाज को यह सिखाती है कि अवैध शिकार, लापरवाही और अपराध को छिपाने के प्रयास किस हद तक मानवता को कलंकित कर सकते हैं।

यहां एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि जंगल में शिकार जैसी गैर-कानूनी गतिविधियों पर नियंत्रण क्यों नहीं है? इस घटना ने कानून प्रवर्तन और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है।

अब देखना यह है कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है और आरोपियों को क्या सजा मिलती है।

Share from A4appleNews:

Next Post

हिमाचल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गणतन्त्र दिवस, राज्यपाल ने शिमला रिज पर फहराया तिरंगा

Sun Jan 26 , 2025
एप्पल न्यूज, शिमला राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने ऐतिहासिक रिज शिमला में 76वें गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने 22, जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स के परेड कमांडर लेफ्टिनेंट गगनदीप चौहान के नेतृत्व में शानदार मार्च पास्ट की सलामी ली।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह […]

You May Like

Breaking News