एप्पल न्यूज, डलहौजी चम्बा
हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी के बढ़ते मामलों के बीच डल्हौजी पुलिस ने एक अहम कार्रवाई करते हुए 144 ग्राम चरस के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
आरोपी ने पुलिस को चकमा देने के लिए चरस को पानी की बोतल में छिपाया था, लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते उसकी चालाकी काम नहीं आई।
यह घटना भरमौर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के गोली जीरो प्वाइंट पर हुई, जहां पुलिस की नियमित चेकिंग के दौरान इस तस्कर को पकड़ा गया।
अगर प्रशासन, पुलिस और आम जनता मिलकर काम करें, तो हिमाचल को नशा मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

कैसे पकड़ा गया आरोपी?
मिली जानकारी के अनुसार, तेगा राम (36), पुत्र चंद राम, निवासी गांव मक्कन सनवाल, तहसील चुराह, जिला चंबा, चौहड़ा डैम की ओर से पैदल आ रहा था।
जब वह गोली जीरो प्वाइंट पर पहुंचा तो उसने सामने पुलिस को देखा और घबरा गया। घबराहट में उसने अपने हाथ में पकड़ी पानी की बोतल को दूर फेंक दिया, जिससे पुलिस को संदेह हुआ।
पुलिस टीम की अगुवाई कर रहे हेड कांस्टेबल चमन कुमार और उनकी टीम ने तुरंत उसे हिरासत में लिया और बोतल की जांच की। जब बोतल खोली गई तो उसमें एक प्लास्टिक की थैली मिली, जिसमें 144 ग्राम चरस भरी हुई थी।
पुलिस की तत्परता और नशा तस्करी के बदलते तरीके
इस घटना से साफ होता है कि नशा तस्कर अब पारंपरिक तरीकों की बजाय नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं ताकि पुलिस को चकमा दे सकें।
पहले नशे को बैग, गाड़ियों या कपड़ों में छिपाकर ले जाया जाता था, लेकिन अब पानी की बोतल जैसे असामान्य माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है।
हालांकि, हिमाचल पुलिस की सक्रियता और नियमित चेकिंग के चलते इन तस्करों को अपने मंसूबों में सफलता नहीं मिल रही।
इस मामले में भी पुलिस की चौकसी और संदेह के आधार पर तुरंत कार्रवाई करने की क्षमता ने तस्कर को रंगे हाथ पकड़ने में मदद की।
आगे की कार्रवाई और संभावित जांच के पहलू
इस मामले की पुष्टि एसपी चंबा अभिषेक यादव ने की है और पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब जांच के दौरान निम्नलिखित पहलुओं की गहराई से जांच हो सकती है—
- आरोपी का नेटवर्क:
- क्या यह व्यक्ति किसी बड़े नशा तस्कर गिरोह से जुड़ा हुआ है, या यह सिर्फ स्थानीय स्तर पर चरस की तस्करी कर रहा था?
- क्या इसके पीछे कोई और मास्टरमाइंड है?
- चरस की सप्लाई चेन:
- यह चरस कहां से लाई गई थी?
- क्या इसे हिमाचल के किसी इलाके में ही तैयार किया गया था या किसी बाहरी राज्य से तस्करी कर लाया गया था?
- नशा तस्करी के रूट्स:
- क्या चौहड़ा डैम से डल्हौजी या अन्य क्षेत्रों की ओर नशे की सप्लाई की कोई नई तस्करी रूट विकसित की जा रही है?
- हिमाचल का सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण क्या यह मामला पंजाब, जम्मू-कश्मीर या नेपाल तक जुड़े नेटवर्क से संबंधित हो सकता है?
- अन्य संभावित अपराधी:
- क्या पुलिस इस आरोपी से और भी संभावित तस्करों की जानकारी निकाल सकती है?
- क्या यह व्यक्ति पहले से पुलिस रिकॉर्ड में था, या पहली बार पकड़ा गया है?
हिमाचल में नशा तस्करी: एक बढ़ती समस्या
हिमाचल प्रदेश में चरस, अफीम और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ती जा रही है। खासकर चंबा, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं।
- हिमाचल के दूरदराज़ के इलाकों में गांवों में चरस का अवैध उत्पादन किया जाता है, जिसे बाद में राज्य के अन्य हिस्सों और बाहरी राज्यों में सप्लाई किया जाता है।
- हाल के वर्षों में यह देखने को मिला है कि कई युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है।
निष्कर्ष: पुलिस को और कड़ी निगरानी की जरूरत
डल्हौजी पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई दर्शाती है कि अगर पुलिस सतर्क रहे तो नशा तस्करों को रोकना संभव है। हालांकि, यह केवल एक छोटा हिस्सा है, क्योंकि हिमाचल में ऐसे कई और तस्कर सक्रिय हैं।
- सरकार और पुलिस को मिलकर नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाना होगा।
- गुप्त मुखबिरों और स्थानीय लोगों की मदद से अधिक से अधिक तस्करों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करनी होगी।
- युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में विशेष अभियान चलाने होंगे।