एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में आज की कार्यवाही सौहार्दपूर्ण माहौल में चली, जिसमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्ताव को ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया गया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने घोषणा की कि सरकार कोरोना काल में सेवाएं देने वाले आउटसोर्स कर्मियों को सरकारी सेवाओं में समायोजित करने का प्रयास करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि पहले चरण के आदर्श स्वास्थ्य संस्थान अगले सात महीनों में तैयार हो जाएंगे और 11 नए संस्थान जल्द अधिसूचित किए जाएंगे।
सहारा योजना के तहत 139.48 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खातों में भेजे गए हैं, जबकि हिमकेयर योजना में निजी अस्पतालों का 344 करोड़ रुपये भुगतान शेष है।

सरकार ने आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए 105 करोड़ रुपये की लागत से तीन एमआरआई मशीनों की खरीद का टेंडर जारी किया है।
दूरदराज क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों के अपनी ड्यूटी जॉइन न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जबकि चमियाणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की जाएगी। आईजीएमसी शिमला में अगले तीन महीनों में पैट स्कैन की सुविधा भी शुरू हो जाएगी।
विपक्ष के विधायकों ने स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर करते हुए सरकार से सुधार की मांग की।
विधायक बलवीर शर्मा ने आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों के न खुलने पर सवाल उठाए, जबकि विधायक विनोद कुमार ने आउटसोर्स कर्मचारियों को पुनः नियुक्त करने और प्रत्येक सीएचसी में एंबुलेंस की व्यवस्था करने की मांग रखी।
डॉ. जनक राज ने स्वास्थ्य विभाग में लालफीताशाही कम करने और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
वहीं, विधायक दलीप ठाकुर ने सरकाघाट अस्पताल के भवन निर्माण को पूरा करने और डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित करने की मांग की।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि सरकार उन पनबिजली परियोजनाओं को वापस लेगी जो उसकी शर्तें नहीं मानेंगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने एनएचपीसी को 12% रॉयल्टी की शर्तों पर प्रोजेक्ट दिए, जो गलत है, और अब सरकार इसे बढ़ाकर 30% तक करने की मांग कर रही है।
बेरा स्यूल पनबिजली परियोजना 40 साल पुरानी हो चुकी है और इसे राज्य सरकार को सौंपा जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि एनएचपीसी यदि राज्य की नई परियोजनाओं पर कब्जा करना चाहता है, तो उसे सरकार की शर्तें माननी होंगी।
मुख्यमंत्री ने विधायक क्षेत्र विकास निधि पर स्पष्ट किया कि सरकार ने इसे रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया है, बल्कि विधायकों को समय पर इस निधि की सिफारिश करनी चाहिए ताकि उनके विकास कार्य प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि 29 मार्च तक सभी विधायक अपनी ऐच्छिक निधि खर्च कर सकते हैं।
सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की। सभी मेडिकल कॉलेज न्यूनतम यूजर चार्ज लागू कर सकते हैं ताकि वे अपने दैनिक खर्चों को चला सकें।
टांडा मेडिकल कॉलेज में सीनियर रजिस्ट्रार के पद सृजित किए जाएंगे और नई लिफ्ट लगाई जाएगी।
नाहन मेडिकल कॉलेज को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए 161 बीघा भूमि चिन्हित कर ली गई है और इस मामले को केंद्रीय मंत्रालयों को मंजूरी के लिए भेजा गया है।
आज सदन में लोक निर्माण विभाग को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें विधायक विपिन सिंह परमार ने बताया कि कांगड़ा से शिमला फोरलेन का 10,000 करोड़ रुपये से निर्माण कार्य जारी है और पांच अन्य फोरलेन पर 42,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
वहीं, विधायक रणधीर शर्मा ने लोक निर्माण विभाग के बजट में कटौती पर सवाल उठाते हुए कहा कि गुटबाजी के कारण विभाग को पर्याप्त बजट नहीं मिल रहा है।
नाबार्ड फंडिंग को लेकर भी विधायकों ने असमानता की शिकायत की और सरकार से इसकी सीमा बढ़ाने की मांग की।
कल भी लोक निर्माण विभाग पर चर्चा जारी रहेगी और इसी दिन अगले वित्त वर्ष का बजट पारित होने की संभावना है।