एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) और अन्य समकक्ष भविष्य निधि योजनाओं पर 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक के लिए 7.1% वार्षिक ब्याज दर निर्धारित की है।
यह दर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर के अनुरूप है, क्योंकि राज्यों की GPF ब्याज दर आमतौर पर केंद्र सरकार की ब्याज दर से मेल खाती है।

7.1% की ब्याज दर भले ही पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ी कम हो, लेकिन यह अभी भी एक सुरक्षित और लाभकारी बचत योजना है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए यह दर स्थिरता और सुरक्षा का संकेत देती है, जिससे वे अपने भविष्य के लिए बेहतर वित्तीय योजना बना सकते हैं।
GPF ब्याज दरों का विश्लेषण
- स्थिर दर: पिछले कुछ वर्षों से GPF पर ब्याज दर 7.1% के आसपास बनी हुई है।
- 2019 में अधिक दर: 2019 में यह दर 7.9% थी, जबकि 2015-16 में यह 8.7% तक पहुंच गई थी।
- नवीनतम संशोधन: 2023 से ब्याज दर 7.1% पर स्थिर है, जो मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार तय की गई है।
- EPF से तुलना: कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की ब्याज दर 8.15% (2023-24) थी, जो GPF की तुलना में अधिक है, लेकिन EPF में ब्याज दर बाजार आधारित होती है।

GPF ब्याज दर का महत्व
- सरकारी कर्मचारियों के लिए फिक्स्ड सेविंग ऑप्शन: चूंकि GPF सरकार द्वारा नियंत्रित होता है, यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।
- लाभकारी ब्याज दर: अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों की तुलना में GPF की ब्याज दर अधिक है। उदाहरण के लिए, वर्तमान में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरें 6-7.5% के बीच हैं।
- लंबी अवधि में बचत: ब्याज दर स्थिर होने के कारण कर्मचारियों को लंबी अवधि में अच्छा लाभ मिलता है।
- ऋण सुविधा: GPF से कर्मचारी जरूरत पड़ने पर अग्रिम राशि (लोन) भी निकाल सकते हैं, जिस पर ब्याज दर अन्य लोन विकल्पों की तुलना में कम होती है।