हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में होगी महज 4 बैठकें, अध्यक्ष ने “विशेष सत्र” बुलाने का दिया सुझाव

विदेश दौरे के अनुभवों को किया सांझा 

एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 से 21 दिसंबर तक धर्मशाला में होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि शीतकालीन सत्र में चार बैठकें होगी।इसी के साथ पूरे कैलेंडर वर्ष में विधानसभा कुल 27 बैठकें आयोजित करेगी। अपने विदेश दौरे से लौटे विधानसभा अध्यक्ष ने अपने दौरे के अनुभवों की भी जानकारी दी। विधानसभा अध्यक्ष ने इस दौरान सुझाव भी दिया कि हिमाचल विधानसभा को विशेष बैठक बुलाकर हिमाचल के ज़रूरी विषयों पर चर्चा करनी चाहिए। जिसमें प्रदेश के आर्थिक स्थिति से निपटने जैसे मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर चर्चा हो।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस बारे में वह मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष से भी चर्चा करेंगे। राज्य के जरूरी मुद्दों प ऐसी बैठकें निर्णायक साबित हो सकती हैं।

वहीं विदेश दौरे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में देश भर के विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्षों का सम्मेलन हुआ जिसके बाद विभिन्न विषयों पर विधानसभा अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को विदेश में भारत का पक्ष रखने का मौका मिला।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनको “बेंचमार्क इन द पार्लियामेंट्री सिस्टम” पर बोलने का मौका मिला। इस दौरान वहां के लोकतंत्र और विधानसभा की प्रणाली को समझा हैं।

वहां के पर्यटन और शिक्षा के बारे में जाना हैं ताकि हिमाचल किस तरह से उसे अपना सके। उन्होंने बताया कि बाहरी देशों का पॉलिटिकल सिस्टम भारत से काफी मैच्योर है। 

वहीं बजट सत्र के दौरान हिमाचल विधानसभा के अंदर हुए हंगामे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायकों को जारी अवमानना के नोटिस को लेकर  विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि ये विधानसभा के अंदर का मामला हैं।

इसको लेकर फैसला कभी भी दिया जा सकता है लेकिन ये जरूरी नहीं हैं कि इसी सत्र में फैसला देना हैं। विधानसभा का कार्यकाल पांच साल का होता है।

वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के मामले में स्पीकर ने कहा कि उनका जवाब आया है जिसमें कहा है कि उनकी मंशा स्पीकर के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं था।

स्पीकर ने साथ में ये भी कहा कि उनके भाषण की वीडियो मौजूद है। आगे इस पर क्या करना है इस पर विचार किया जा सकता हैं।

तीसरे मामले में सचिवालय के कर्मचारियों के खिलाफ मंत्री राजेश धर्मानी ने अवमानना का नोटिस जारी किया है। उस पर जवाब मांगा गया था जो नहीं आया है। उसके बाद इसे प्रिविलेज कमेटी को रेफर कर दिया गया है।

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