मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों को आवास आवंटित न करने का आग्रह
एप्पल न्यूज, शिमला
शिमला का ऐतिहासिक मेट्रोपोल भवन अब असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से आग्रह किया है कि इस भवन में विधायकों को आवास आवंटित न किया जाए।
राज्य सरकार ने फैसला किया है कि दो माह के भीतर इस भवन को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा।
नया भवन बनेगा, 38 करोड़ रुपये मंजूर
विधानसभा में भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नया भवन बनाने के लिए 38 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी गई है।

यदि आवश्यकता पड़ी तो 100 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नए भवन में वाहन पार्किंग की भी सुविधा होगी, जिससे विधायकों और कर्मचारियों को सहूलियत मिलेगी।
कर्मचारियों को अन्य जगह मिलेगा आवास, किराया भत्ता भी मिलेगा
मेट्रोपोल भवन में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों को अन्य स्थानों पर आवास आवंटित किया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने उनके लिए 10,000 से 15,000 रुपये तक किराया भत्ता देने की योजना भी बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रभावित कर्मचारियों को आवास संबंधी कोई समस्या न हो।
शहर के अन्य असुरक्षित भवनों पर भी सरकार की नजर
शिमला में अन्य 170 असुरक्षित भवनों की भी पहचान की गई है। नगर निगम द्वारा इन भवनों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से तीन भवनों को गिराने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार शिमला में सभी असुरक्षित भवनों की स्थिति की समीक्षा कर रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
उन्होंने कहा कि शिमला जैसे पहाड़ी क्षेत्र में भवनों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
मेट्रोपोल भवन का ऐतिहासिक महत्व
गौरतलब है कि मेट्रोपोल भवन शिमला के सबसे पुराने भवनों में से एक है और ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इसे बनाया गया था।
वर्षों से इस भवन का उपयोग सरकारी आवास के रूप में किया जाता रहा है, लेकिन अब इसकी संरचनात्मक स्थिति खराब हो चुकी है, जिससे इसे असुरक्षित घोषित करना पड़ा।
दो महीने में पूरा होगा खाली कराने का कार्य
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले दो माह के भीतर मेट्रोपोल भवन को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा।
इस संबंध में प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं कि वहां रह रहे सभी सरकारी कर्मचारियों को शीघ्र अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए।
सरकार के इस फैसले को शिमला शहर के विकास और भवनों की सुरक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।