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लालसा में पूरी श्रद्धा से मनाई गई “परशुराम जयंती”, चार ठहरी के देवताओं का आशीर्वाद लेने उमड़े श्रद्धालु

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एप्पल न्यूज, लालसा रामपुर बुशहर

रामपुर उपमंडल के लालसा गांव में मंगलवार को भगवान परशुराम जयंती पारंपरिक रीति-रिवाजों, भक्ति भाव और सामाजिक सहभागिता के साथ हर्षोल्लास से मनाई गई।

यह आयोजन माला मंगला काली मंदिर परिसर में संपन्न हुआ, जिसमें क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं की सुंदर झलक देखने को मिली।

पालकी यात्रा और चार तपस्थलियों के देवताओं का आगमन

भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर प्रातःकाल उनकी मुख्य तपस्थली शनेरी से उनकी पालकी निकाली गई। यह पालकी यात्रा भव्य ढंग से निकाली गई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु जयघोष करते हुए शामिल हुए।

इस विशेष दिन को और अधिक पावन बनाने के लिए उन चार प्रमुख तपस्थलियों—शनेरी, शिगला, लालसा और डंसा—से देवताओं को आमंत्रित किया गया, जहाँ भगवान परशुराम ने माता रेणुका के शाप से मुक्ति पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।

चारों स्थानों के देवताओं—झरू नाग (शनेरी), योगेश्वर गुरु महाराज (शिगला), जोदनु (लालसा) और धंसा के देवता दमुख—की उपस्थिति में मां मंगला काली मंदिर में देवलुओं द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई और पारंपरिक रीति से स्वागत किया गया।

पारंपरिक गीत और भक्ति नृत्य

इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान महिलाओं ने पौराणिक और लोकगीत गाए, जिनमें भगवान परशुराम की महिमा, उनके जीवन चरित्र और तप की कथा का भावपूर्ण वर्णन था। इन गीतों ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।

मंदिर परिसर में स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के बीच देव नृत्य (देव नाटी) भी प्रस्तुत की गई, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए।

धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला

मंदिर के भंडारी जन्म देव शर्मा, मोत्मीम कृष्ण लाल शर्मा और ताराचंद शर्मा ने जानकारी दी कि भगवान परशुराम की जयंती का यह पर्व हर वर्ष पारंपरिक रूप से मनाया जाता है।

इसमें चारों तपस्थलियों के देवता अलग-अलग वर्ष अलग-अलग स्थान पर एकत्रित होकर समारोह में भाग लेते हैं।

इस बार लालसा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी देवताओं की भव्य उपस्थिति रही।

श्रद्धालुओं की बड़ी भागीदारी और देव विदाई

कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने पूरे दिन पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और प्रसाद ग्रहण कर भगवान परशुराम के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।

कार्यक्रम के अंत में देवताओं की विदाई की रस्म पूरी श्रद्धा के साथ निभाई गई।

इस दौरान माहौल भावुक हो गया और कई श्रद्धालु भाव-विभोर होकर देवताओं को विदा कर रहे थे।

ब्राह्मण समाज सुधार सभा द्वारा रामपुर में भी आयोजन

इसी अवसर पर ब्राह्मण समाज सुधार सभा रामपुर द्वारा अयोध्या नाथ मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।

यहां हवन यज्ञ, पूजन और भजन कीर्तन के उपरांत मिष्ठान वितरण किया गया। सभा के अध्यक्ष राम रतन शर्मा ने सभी को भगवान परशुराम जयंती की शुभकामनाएं दीं।

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