चार्जशीट, कर्मचारी बोले बोर्ड में भ्रष्टाचार व अनियमिताएं उजागर करने पर बोर्ड ने की कार्रवाई,7 अगस्त से पहले चार्जशीट के निर्णय को वापस नहीं लिया तो होगा बड़ा आंदोलन, कर्मचारियों की आवाज दबाने का सरकार कर रही काम।
एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में दो वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं को चार्जशीट किए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बिजली बोर्ड स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज, इंजीनियर और पेंशनर्ज की जॉइंट एक्शन कमेटी ने इस कार्रवाई को “बदले की भावना” से प्रेरित बताते हुए 7 अगस्त को शिमला में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
जॉइंट एक्शन कमेटी के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों द्वारा बोर्ड में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करना ही उनके खिलाफ चार्जशीट का कारण बना।
उन्होंने कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सच बोलने की कीमत उन्हें मेजर पेनल्टी की चार्जशीट के रूप में चुकानी पड़ी है।

“यह न सिर्फ कर्मचारियों की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है, बल्कि ट्रेड यूनियन अधिकारों का दमन है,” – हीरा लाल वर्मा, सह संयोजक, जॉइंट एक्शन कमेटी
कमेटी ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी बोर्ड प्रबंधन ने कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक लगाकर कर्मचारियों की आवाज को दबाने की कोशिश की थी।
बोर्ड को दी चेतावनी:
जॉइंट एक्शन कमेटी ने दो सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है कि यदि 7 अगस्त से पहले चार्जशीट के निर्णय को वापस नहीं लिया गया और लंबित मांगों पर वार्ता नहीं की गई, तो:
7 अगस्त को शिमला में हजारों कर्मचारी, इंजीनियर, पेंशनर व आउटसोर्स कर्मी विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इसके बाद एक राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वे चुप नहीं बैठेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
सरकार और बोर्ड प्रबंधन की चुप्पी:
इस पूरे मामले पर बिजली बोर्ड प्रबंधन या सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।









