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हिमाचल में लग रहे 10 तरह के “सैस” से सरकार ने 762 करोड़ का राजस्व किया एकत्र- अग्निहोत्री

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एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा 10 सैस लगाए जा रहे हैं। इन सैस के माध्यम से अभी तक 762.13 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व एकत्र किया गया है।

इनमें से पांच सैंस पूर्व सरकार के समय के हैं और वर्तमान सरकार ने भी पांच और सैस लगाए हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने वीरवार को यहां विधायक बिक्रम ठाकुर के एक सवाल के जवाब में कही। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जो सैस एकत्र करती है, उसे उसी मद पर खर्च किया जाता है, जहां के लिए सैस लगाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इसको लेकर जल्द ही एसओपी भी तैयार कर रही है।

इसके तहत विभाग अपने स्तर पर ही सैस की राशि को खर्च कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अभी इसका पैसा वित्त विभाग के पास होता है, लेकिन वित्त विभाग अपनी मर्जी से इस राशि को नहीं खर्च कर सकता। 

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में राजस्व जुटाने के लिए इस तरह के सैस लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके लिए और राजस्व जुटाने के रास्ते तलाशने जरूरी है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया है, जिससे आम आदमी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा दी जा रही 125 यूनिट फ्री बिजली की सेवा अभी भी जारी है। 

इससे पहले विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि सरकार आम लोगों पर 10 प्रकार के सैस लगा रही है। उन्होंने पूछा कि यह कितने फीसदी सैस है।

उन्होंने कहा कि एक सैस कोविड सैस है और यह क्यों जारी है, जबकि कोविड समाप्त हो चुका है। एक एंबुलेंस सेवा सैस है। वहीं क्या कारण है कि जब सैस से एंबुलेंस चल रही है तो मरीजों से क्यों किराया लिया जा रहा है।

वहीं, विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि सैस लगने से रेत व बजरी के दाम बढ़े हैं और इसकी मार आम गरीब आदमी पर पड़ी है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सैस लगने से आम जनता पर इसका कोई बोझ न पड़े।

उन्होंने कहा कि गौवंश के नाम पर सैस तो लिया जा रहा है, लेकिन 700 रुपए प्रति दिए जाने वाली गौवंश की राशि पिछले तीन माह से नहीं मिल रही है। 

इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आम आदमी की सरकार है। जो सैस लगे हैं, उससे आम आदमी प्रभावित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि गौवंश की राशि को 700 रुपए से बढ़ाकर 1200 रुपए किया गया है और इसे जल्द जारी किया जाएगा। 

इससे पहले, मूल प्रश्न का उत्तर देते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्था सैस से वर्ष 1998-99 से 2022-23 तक 1,53,57,58,045 रुपये प्राप्त हुए हैं। इसमें से 64,97,97,653 रुपये शहरी स्थानीय निकायों को आवंटित किये गए तथा 88,59,60,392 रुपये पंचायती राज संस्थाओं को आवंटित किए गए।

उन्होंने कहा कि मोटर वाहन पर सैस से वर्ष 2017 से 2025 तक कुल 1851364000 रुपये प्राप्त हुए तथा फरवरी 2025 तक परिवहन विभाग द्वारा कुल 3,06,37,000 रुपये की राशि खर्च की गई।

उन्होंने कहा कि शराब की बिक्री पर लगाए गए गौवंश विकास निधि से वर्ष 2020-21 से 2025-26 तक कुल 65,35,61,484 रुपये प्राप्त हुए।

इस राशि को गोपाल योजना के तहत गौसदनों/गो अभ्यारण्यों में पल रहे बेसहारा गौवंश के पालन पोषण के लिए व्यय किया जा रहा है। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शराब की बिक्री पर लगाये गए एम्बुलैंस सेवा फंड सैस से वर्ष 2022 से 2025 तक कुल 16.97,16,447.00 रुपये प्राप्त हुए हैं।

कोविड सैस से वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक कुल 1,45,12,53,032 रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 10 करोड़ मुख्यमंत्री राहत कोष में कोविड के दौरान दिए गए तथा शेष राशि सरकार के कोष में जमा हैं।

शराब की बिक्री पर लगाये गए मिल्क सैस से वर्ष 2024-25 में 1,12,76,10,710 रुपये राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा एकत्रित किए गए।

एकत्रित राशि से पशुपालन विभाग को दुग्ध प्रसंघ के लिए 75,17,40,472 रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शराब की बिक्री पर लगाये गए प्राकृतिक खेती सैस से वर्ष 2025-26 में कुल 21.78 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

गौण खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम) नियम, 2015 में निहित प्रावधानों के अनुरूप दुग्ध उपकर सैस से वर्ष 2024-25 में कुल 21,41,043 रुपये प्राप्त हुए हैं।

चूंकि यह उपकर अभी हाल ही में संबंधित लेखा प्रमुख में जमा हुआ है इसलिए यह राशि व्यय नहीं की गई है। विद्युत मासिक बिल पर मिल्क सैस और पर्यावरण सैस से कुल 10,80,77,926.40 रुपये प्राप्त हुए हैं जिसमें से 4,78,83,431.43 रुपये मिल्क सैस तथा 6,01,94,494.95 रुपये पर्यावरण सैस के रूप में प्राप्त हुए।

इन सैसों से प्राप्त धनराशि को वित्त विभाग के मुख्य शीर्ष 0043-00-101-02 तथा 0043-00-101-03 में जमा कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों से एक प्रतिशत लेबर सैस से कुल 45,73,23,607 रुपये प्राप्त हुए हैं।

हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा वर्ष 2023 से 2025 तक 4,67,54.127 रुपये लेबर सैस के रूप में प्राप्त हुए हैं जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2,87,24,577 रुपये और 2024-25 में 1,80,29,550 रुपये प्राप्त हुए। इस धनराशि को श्रमिक कल्याण बोर्ड में जमा करवा दिया गया है। 

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