एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश की सरकार पूरी तरीके से अमानवीय और अराजक हो चुकी है। जिसे न उच्च न्यायालय के आदेश की परवाह है और न ही आपदा में सब कुछ गवां चुके लोगों की।
नेता विपक्ष इव पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि एक मां-बाप अपने बच्चों की लाशें निकालने के लिए सरकार से सिर्फ सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन लोकल कांग्रेसी नेताओं के प्रभाव में आकर सरकार रास्ता तक नहीं बनने दे रही है।
पाण्डव शिला से धार के बीच जाने वाली सड़क आपदा में बह गई। उच्च न्यायालय द्वारा फिर से उसे एंबुलेंस रोड बनाने के लिए निर्देशित किया गया।

उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग अपने पैसे से मशीन लगाकर वहां पर सड़क बना रहे थे लेकिन एक स्थानीय कांग्रेस नेता के दबाव में वन एवं लोक निर्माण विभाग ने उस सड़क का काम रुकवा दिया । लोगों द्वारा लगाई गई मशीन को जब्त कर दिया। पंचायत प्रधान के ऊपर एफआईआर कर दी।
लोगों को डेढ़ घंटा पैदल चलकर जाना पड़ रहा है। बीते दिन एक बच्चा ढांक से गिरकर घायल हो गया है। उसे हेड इंजरी है। बीमारों- बुजुर्गों की हालत क्या होगी समझी जा सकती है।
सड़क बंद होने की वजह वहां तक मशीन नहीं जा पा रही हैं और मलबे में दबी तीन लाशें भी नहीं खोजी जा सकी हैं। परिजन सरकार से सिर्फ सड़क मांग रहे हैं जिससे मशीनों से वह अपने परिजनों की खोज कर उनका क्रिया कर्म कर सकें, जिससे उन्हें मुक्ति और लोगों के मन को शांति मिल सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर किसी हुक्मरान की करतूत कितनी संवेदनहीन और शर्मनाक हो सकती है इसका मुझे अंदाजा भी नहीं था। मैने सारी बातें मुख्यमंत्री को भी बता दी हैं। वह भी देखे किस तरह का अन्याय यहां हो रहा है।
सरकार अगर तानाशाही पर उतारू है तो हम भी देखेंगे उसकी तानाशाही और फासीवादी ताकतों में कितना जोर है। हम भी सभी लोगों के साथ हर हाल में खड़े थे, खड़े हैं और खड़े रहेंगे।







