एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में इस वर्ष हुई भीषण वर्षा और प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव स्थगित करने के संकेत दिए हैं।
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मानसून 2025 ने 19 जून से राज्य में सक्रिय रहकर व्यापक तबाही मचाई है।
राज्य में कई बार भारी बारिश हुई — 26 जून को धर्मशाला व कुल्लू, 30 जून और 1 जुलाई को मंडी, 5-6 अगस्त व 13-14 अगस्त को पूरे राज्य में, तथा 24-26 अगस्त को चंबा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में भारी नुकसान दर्ज किया गया।

इस अवधि में 47 क्लाउडबर्स्ट, 98 फ्लैश फ्लड और 148 बड़े भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। इन हादसों में 270 लोगों की जान गई, जबकि सड़क हादसों में 198 लोगों की मौत हुई।
कुल 1,817 मकान पूरी तरह तबाह और 8,323 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, 5,426 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मुख्य सचिव ने बताया कि भारी बारिश के बाद भी पश्चात मानसून सीजन में पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य में फिर से भारी वर्षा हुई है। इस दौरान 13 मौतें प्राकृतिक आपदाओं से और 20 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं।

आदेश में कहा गया है कि दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में प्रस्तावित पंचायत चुनावों के दौरान हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी होती है और पूरा राज्य ठंड की चपेट में रहता है। ऐसे में मतदान दलों और मतदाताओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।
मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला के उपायुक्तों ने भी आग्रह किया है कि ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और संपर्क मार्ग बहाल होने तक चुनाव टाल दिए जाएं ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 24(ई) के तहत आदेश जारी करते हुए कहा है कि पंचायत चुनाव तभी कराए जाएंगे जब राज्यभर में सड़क संपर्क बहाल हो जाएगा।
आदेश में यह भी कहा गया है कि कोई भी मतदाता सड़क संपर्क बाधित होने के कारण मतदान के अपने अधिकार से वंचित न रहे।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय जनता की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।







