एप्पल न्यूज़, किन्नौर
मॉल्स बेकाटा (Malus baccata) जिसको की क्रैब ऐप्पल के नाम से जाना जाता है , और किन्नौर जिला में गोंदली के नाम से जाना जाता है, जिसकी बेर्रीस को स्थानीय लोगों के द्वारा भी खाया जाता है
दो महीने से वन्य प्राणी विभाग की टीम ( रूप सिंह, वन परिक्षेत्र अधिकारी,गोपाल नेगी, उप वन राजिक ,संतोष ठाकुर ब्लॉक ऑफिसर रक्छम , अल्पना ,वन मित्र रक्छम) इस पौधे की प्रजाति की पक्षियों की प्रजातियों पर निर्भरता पर अध्ययन कर रही थी। जब इसकी बेर्रीस थोड़ी कच्ची थी तो इतनी ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां इस पौधे पर नहीं देखी गई l

मगर जैसे ही इस पौधे की बेर्रीस पककर तैयार हुई तक 20 से 25 पक्षियों की प्रजातियां हररोज इस पौधे की बेर्रीस खाने के लिए आती है।
पक्षियों के इस पौधे पर निर्भरता का होना यहां की बर्ड डाइवर्सिटी के लिए बहुत बढ़िया संकेत है, क्योंकि किन्नौर जिला में जहां जहाँ ये पौधा देखने को मिलता है वहां बर्ड डाइवर्सिटी अच्छी होगी ।

टीम नर्सरी में इसके सीडलिंग्स को तैयार करने का प्रोसेस तैयार कर दिया है ताकि भविष्य में इस प्रजाति का पौधरोपण किया जा सके और पक्षियों की प्रजातिओं को उनके प्राकृतिक आवास में भोजन की उचित व्यवस्था की जा सके।
अशोक नेगी आईएफएस उप अरण्यपाल वन्यप्राणी सराहन ने बताया कि संतोष ठाकुर और उनकी टीम के द्वारा किया गया यह अध्ययन बहुत ही सराहनीय कार्य है।

वन्यप्राणी प्रभाग समय समय पर इस तरह के अध्ययन करवाता रहता है ताकि वन्यप्राणियों की पौधों की प्रजातियों पर निर्भरता का अवलोकन किया जा सके और स्थानीय लोगों को इन पौधों की प्रजातिओं के बारे में जागरूक किया जा सके ।







