एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश में नशे की ओवरडोज़ से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। पिछले तीन वर्षों में 74 लोग नशे की अधिक मात्रा का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें 71 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं।
आंकड़ों से साफ है कि राज्य में सफेद ज़हर का नेटवर्क गहराता जा रहा है और युवा इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं।

2022 से 2025 तक मौतों का बढ़ता ग्राफ
2022: तीन जिलों में 8 मौतें
मंडी – 1
कुल्लू – 2
शिमला – 5
2023: 10 मौतें (1 महिला सहित)
हमीरपुर – 2
कांगड़ा – 1
बद्दी – 3
कुल्लू – 3 पुरुष, 1 महिला
2024: आंकड़ा तीन गुना बढ़ा, 32 मौतें (2 महिलाएं सहित)
नूरपुर – 2
शिमला – 5 (1 महिला सहित)
कुल्लू – 7 (1 महिला सहित)
बिलासपुर – 5
सोलन – 1
हमीरपुर – 2
मंडी – 3
बद्दी – 5
कांगड़ा – 2
2025 (जनवरी से नवंबर): 24 मौतें
बिलासपुर – 7
बद्दी – 4
कुल्लू – 3
मंडी – 3
शिमला – 4
ऊना – 1
कांगड़ा – 1
हमीरपुर – 1
सरकार और पुलिस की सख्ती, असर दिखना शुरू
नशे की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग ने हाल के वर्षों में कड़ा अभियान छेड़ा है।
पिछले तीन वर्षों में नशा तस्करों की 35.95 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है।
2023 – 4.87 करोड़
2024 – 24.42 करोड़
2025 – 6.66 करोड़
तीन वर्षों में 1140 NDPS मामले,
1803 आरोपी गिरफ्तार,
919 किलो चरस,
32.9 किलो हेरोइन,
1632 किलो भुक्की,
89.6 किलो अफीम बरामद।
पिछले 9 साल 9 महीनों में पुलिस 15,000 से अधिक NDPS मामलों में कार्रवाई कर चुकी है।
पुलिस का बयान: “यह सिर्फ अभियान नहीं, सामाजिक आंदोलन है”
डीजीपी अशोक तिवारी ने कहा कि नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में लगातार सख्त कार्रवाई जारी है।
नशा तस्करों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
सभी थानों को निर्देश—स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जागरूकता बढ़ाई जाए।
हेल्पलाइन 112 पर आने वाली हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई और शिकायतकर्ता से फीडबैक अनिवार्य।
नतीजे आने लगे, तस्कर सहमे
सरकार और पुलिस की लगातार कार्रवाई के चलते नशा माफिया में खलबली है। चिट्टे के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान का प्रभाव मैदान स्तर पर दिखने लगा है, वहीं समाज और युवाओं की भागीदारी को बढ़ाकर इसे व्यापक जन आंदोलन में बदलने की तैयारी है।






