Thu Feb 23 , 2017
विभत्स हूँ… विभोर हूँ… मैं समाधी में ही चूर हूँ… *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* घनघोर अँधेरा ओढ़ के… मैं जन जीवन से दूर हूँ… श्मशान में हूँ नाचता… मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ… *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* साम – दाम […]