एप्पल न्यूज़, शिमला
विधानसभा प्रश्नकाल में बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल द्वाराआउटसोर्स कर्मचारियों से संबधित पूछे सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी कंपनी के कर्मचारी है सीधे तौर पर सरकार के नहीं है। आउटसोर्स कर्मचारी नियमित कर्मचारियो के आर एन्ड पी रूल फॉलो नहीं करते। मिनिमम वेजेस के आधार पर इन्हें वेतन दिया जा रहा है। काम के अनुसार समय अवधि तय है।समय समय पर डेली वेजेस बढ़ाई है। हमारी सरकार ने 3 बार बढाई है। सीएम ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण नहीं होना चाहिए। पे स्लीप भी देने की व्यवस्था की गई है। राकेश सिंघा ने अनुपूरक सवाल में पूछा कि क्या अपॉइंटमेंट लेटर देंगे क्या ग्रेच्युटी देंगे। सीएम ने जवाब में कहा कि अपॉइंटमेंट लेटर नहीं दे सकते क्योंकि सीधे तौर पर सरकार के कर्मचारी नहीं। कम्पनी ही अपॉइंटमेंट लेटर देती है। यदि अपॉइंटमेंट लेटर देंगे तो कर्मचारी दावा करेंगे।कैसुअल और मेटरनिटी लीव दी है। मिनिमम वेजेस के उल्लंघन पर सरकार कार्रवाई करेगी। हमारी सरकार ने ही 2000 रुपये दिहाड़ी बढ़ाई है। ग्रेच्युटी पर कहा कि सरकार इस पर एग्जामिन करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आउटसोर्स का प्रचलन शुरू किया था। वर्तमान में अधिकांश सरकारों में आउटसोर्स पर काम करवाये जा रहे है। 15315 पोस्ट विभागों और करीब 4 हजार बोर्ड निगमों में नौकरी दी जाएगी। सरकार पोस्ट सृजित कर सकती है कम्पीटिशन तो बच्चों को फाइट करना पड़ेगा।इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि सीएम का जवाब जिम्मेदाराना नहीं है। सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की जिम्मेदारी लें और जिम्मेदारी के साथ जवाब दें। उन्होंने कहा कि सरकार आश्वासन दें की आउटसोर्स कर्मचारियों की देख रेख कौन करेगा।इस पर सीएम ने कहा कि तनख्वाह हर महीने, एकाउंट में देनी होगी और पे स्लीप देनी पड़ेगी। इसके बाद सीएम ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो क्या किया। सीएम ने कहा शोषण तब हुआ था जब कांग्रेस सरकार की विदाई होने वाली थी । जब पीटरहॉफ में आउटसोर्स कर्मचारियों को इकठ्ठा किया गया। नारे लगवाएं 7वीं बार राजा साहब, सीएम ने कहा शोषण ये होता है। जिस पर विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी और विपक्ष ने सदन की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ने दी। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से भी नारेबाजी शुरू हो गई। इस पर विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। वाकआउट पर सीएम ने कहा कि विपक्ष की आदत हो गई है। पीटरहॉफ में तत्कालीन सीएम को चांदी का मुकुट पहनाया गया। सरकार चाहती तो इनके हित्त में काम करती न कि शोषण। जहां तक विपक्ष की बात है उन्होंने बाहर जाना ही था। मध्य प्रदेश की फ्रस्ट्रेशन निकल रही है।





