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कृषि विवि में फीस वृद्धि व निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा कराने के लिए बनाए जा रहे दबाव को लेकर SFI ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन

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एप्पल न्यूज़, शिमला

शुक्रवार को SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी द्वारा प्रदेश कृषि विश्विद्यालय द्वारा की गई फीस वृद्धि व निजी स्कूलो के द्वारा फीस जमा कराने के लिये अभिभावकों पर लगातार डाले जा रहे दबाव के विरोध में एक ऑनलाइन मांगपत्र प्रदेश शिक्षा मंत्री को सौंपा है ।

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Sfi राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि प्रदेश कोरोना वायरस की वजह से एक गम्भीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है जिस कारण प्रदेश की जनता भी आर्थिक तंगी से जूझ रही है ऐसे समय में हम जानते है कि किसान अपनी फसलो को सही समय पर मंडी तक नही पहुंचा पा रहे है ,कामगार व मेहनतकश लोग बेरोजगार है।

बगैर काम के कोई आमदनी न होने से पारिवारिक स्थिति इस हालत में नही है कि वो बढ़ी हुई फीस देकर अपने बच्चों की शिक्षा को आगे बढ़ सके। इसलिये sfi ने लोकडौन के दौरान ही छात्रों की फीस व होस्टल , पी जी व कमरो के किराए को माफ करने के लिये सरकार के सामने मांग उठाई थी। लेकिन उसके बावजूद भी निजी स्कूल अभिभावको पर शीघ्र फीस जमा करने के लिये दबाव बना रहे है और प्रदेश सरकार निजी शिक्षण संस्थानों के इस गिरोह के चुंगल से बाहर नही निकलना चाहती है इसलिए कई तरीके की रियायते इन संस्थानो को दी जा रही है।

यहां तक कि शिक्षा मंत्री पहले निजी स्कूलों द्वारा ऐसे समय मे फीस की मांग करने पर कार्यवाही की बात कर रहे थे लेकिन पिछले कल निजी स्कूलो के दबाव में आकर उन्हीने फ़ीस वृद्धि पर किनारा करते हुए यह मसला निजी स्कूल प्रबन्धन पर छोड़ दिया है, जो दर्शाता है कि सरकार को आम जनता की परवाह नही है ऐसी परिस्थिति में जहां सरकार को आम जनता के जीवन यापन को समृद्ध करने के लिये विशेष प्रावधान करने की आवश्यकता थी वही सरकार इसके विपरीत नए आर्थिक बोझ प्रदेश की जनता पर थोपने वाले इन शिक्षण संस्थानों के प्रति मौन है।
वहीं दूसरी ओर कृषि विश्विद्यालय में सालाना सेंकडो छात्र प्रवेश लेते है इनमे अधिकतर छात्र हिमाचल से ही है क्योंकि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी कृषि व बागवानी पर ही निर्भर है ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय प्रबन्धन द्वारा फीस बढ़ोतरी का फैसला लेना सरासर छात्र विरोधी व शिक्षा विरोधी है जिसे तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए।


  1. छात्रों को फैलोशिप / छात्रवृत्ति और अनुदान वितरित करें (पीएचडी करने से स्नातक तक)
    2- सरकार को दो महीने का शुल्क माफ करना होगा। व लॉकडाउन के दौरान हॉस्टल को शुल्क भी माफ करना होगा।
    3- सरकार को उन छात्रों की ओर से किराए का भुगतान करना चाहिए जो किराए पर रह रहे हैं।
    4- . साथ ही छात्रों की बुनियादी जरूरतों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
    5-. कोविड – 19 के लिए अधिक और तेज परीक्षण सुनिश्चित किए जाए।
    6- स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए पीपीई किट की व्यवस्था करें और उनकी सुरक्षा का इंतजाम करें।
    7- लॉक डाउन अवधि के दौरान, सभी छात्रों को सार्वभौमिक राशन उपलब्ध कराना चाहिए।
    8- बेरोजगारों की सहायता के लिए बुनियादी आय भत्ता सुनिश्चित करें।
    9- फर्जी खबरों और सांप्रदायिक बयानबाजी के परिचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें
    10- सेनिटरी पैड्स सभी दुकानों में आवश्यक वस्तु के रूप में उपलब्ध कराओ।
    11- घर से बाहर फसे लोगो को सुरक्षित वापिस पहुँचाया जाए।
    उम्मीद करते है राज्य सरकार इन मांगों पर गम्भीरता से विमर्श कर जनता के हित में फैसला लेगी।
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