एप्पल न्यूज़, शिमला
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि हेल्थ डायरेक्टर के वायरल ऑडियो सामने आने के बाद यह पूरी तरह सपष्ट हो गया है कि सरकार व सिस्टम ऊपर से नीचे तक पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
प्रभारी पाटिल ने कहा है कि ताज्जुब यह है कि संवदेनहीनता की सारी हदें लांघते हुए सरकार के संरक्षण में महामारी के दौरान भी भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। वायरल ऑडियो क्लिप में घूस की पेशकश करने वाला कोई और नहीं सत्तासीन पार्टी का नेता बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार को लेकर शुरू दिन से ही सरकार को आगाह करती आ रही है, लेकिन अब साफ हो गया है कि सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बजाय सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार को तरजीह दे रही है।
कोविड-19 के बीच स्वास्थ्य निदेशालय से करोड़ों की सप्लाई आर्डर लेने वाले आरोपी के तार सीधे तौर पर सत्तासीन पार्टी से जुड़े हैं। ऑडियो क्लिप के वायरल होते ही यह सपष्ट है कि ऑडियो में बेखौफ भ्रष्टाचार की सौदबाजी करने वाला बीजेपी नेता हेल्थ सिस्टम के साथ खरीद मामलों में लाइजनिंग करता था और अब डायरेक्टर को हिरासत में लिए जाने के बाद सत्तासीन पार्टी का दामन दागदार हुआ है। पाटिल बोली कि आयुर्वेदिक दवा खरीद घोटाला हो या विश्वविद्यालय घोटाला हो सरकार शुरू दिन से ही भ्रष्टाचार के घोटालों में घिरी हुई है। इससे पहले केंद्र के बड़े नेता के रिश्तेदार पर पीपीई किट का भ्रष्टाचार चर्चा में है और शायद उसी तर्ज पर अब हिमाचल की डबल इंजन वाली सरकार भी सिलसिलेवार इस सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड संकट के दौरान हिमाचल के हर जिला में रिक्वायरमेंट के नाम पर मनमर्जी की खरीदों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। जिनमें फर्जी थर्मामीटर तक खरीदे गए हैं व अन्य कई बिना जरूरत के सामान भी खरीदे गए हैं। पाटिल बोली की अब कांग्रेस ही नहीं बीजेपी के नेता भी अपनी ही सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में कटघरे में खड़ा किए हुए है, लेकिन हैरानी यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अभी तक भी इस मामले पर रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।