IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर यूनियन प्रोजेक्ट इकाई कुमारसैन ने SDM के माध्यम से PM को सौंपा ज्ञापन

एप्पल न्यूज़, कुमारसैन
अखिल भारतीय आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका फैडरेशन (आइफा) के राष्ट्रीय आह्वान पर आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर यूनियन प्रोजेक्ट इकाई कुमारसैन सम्बंधित सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने आईसीडीएस के लिए आर्थिक आवंटन बढ़ाने, आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को सुरक्षा, न्यूनतम वेतन और पेंशन प्रदान करने तथा 45 श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के विषय में sdm कुमारसैन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया।

\"\"


आंगनवाड़ी की जिला अध्यक्ष पिंगला गुप्ता व कुमारसैन प्रोजेक्ट महासचिव मीना मेहता ने कहा आज आंगनवाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं जो, देश के कुछ बेहद महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, यानी कि भूख और कुपोषण। हम आपके समक्ष कुछ ऐसे मुद्दे भी रखना चाहते हैं, जिनका हम सामना कर रहे हैं और इसमें सरकार द्वारा तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
चूंकि आप राष्ट्रीय पोषण मिशन के अध्यक्ष हैं, आप यूनिसेफ की हालिया रिपोर्ट से अवगत होंगेे कि हमारे देश में अगले छह महीनों में पांच साल से कम उम्र के तीन लाख बच्चे गरीबी, भुखमरी और कुपोषण के कारण अपनी जानें गंवा देंगे, यदि इस मुद्दे को तत्काल संबोधित नहीं किया जाएगा। हमारे बच्चों की यह भारी संख्या, जो लगभग 8.8 लाख है, जिनकी उम्र 5 साल से कम है, हर साल मर जाते हैं, इन बच्चों की स्थिति लाकडाउन होने और लाकडाउन के कारण आंगनवाड़ी केंद्र बंद होने के कारण और भी दयनीय हो गई है।
सबसे पहले, देश के कई हिस्सों में, आंगनवाड़ी केंद्रों में जो राशन पहुचाया जा रहा है उसकी गुणवत्ता बहुत खराब और मात्रा बहुत कम है और कई स्थानों पर आपूर्ति एक साथ महीनों तक नहीं पहुंचती है। यद्यपि, हम, आंगनवाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं, जब भी और जहाँ भी पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है, वहां प्रत्येक लाभार्थी के घर तक पोषाहार पहुंचती हैं, लेकिन यह भी संभव है कि बच्चों और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण की आवश्यक मात्रा नहीं मिलती है, चूंकि घरों में गरीबी और भूखमरी व्याप्त है। इसलिए, आंगनवाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि की तत्काल आवश्यकता है।
जैसा कि आपने इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान देखा होगा कि आईसीडीएस, एमडीएमएस और एनएचएम जैसी बुनियादी सेवाओं की योजनाएं लोगों के जीवन को काफी हद तक बचा रही हैं और योजनाकर्मी जिनमें आंगनवाड़ी, आशा और एमडीएम कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनकी संख्या करीब साठ लाख हैं और लगभग सभी महिलाएं हैं, जिन्हें आपकी सरकार श्रमिक का दर्जा देने के लिए तैयार नहीं है, अभी तक बुनियादी सेवाओं का विस्तार करने और महामारी और गरीबी से लड़ने के लिए सबसे विश्वसनीय स्त्रोत हैं। यह सबसे सही समय है कि इन योजनाओं को स्थायी बनाया जाए और योजना श्रमिकों को श्रमिक के रूप में मान्यता देने के साथ साथ हमें न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन का भुगतान करने की 45 वीं आईएलसी की सिफारिशें लागू की जाएं।
हम अपने जीवन की सुरक्षा के लिए कुछ ज़रूरी मुद्दों को आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं। लगभग सभी राज्यों में आंगनवाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं कोविड 19 महामारी के दौरान लाॅकडाउन होने के कारण पूरक पोषाहार की आपूर्ति के लिए डोर टू डोर पहंचाने में लगी हुई हैं, सुरक्षा उपायों के लिए अभियान चला रही हैं, कोविड प्रभावित देशों से आने वालों पर नजर रखे हुए हैं, सार्वजनिक सर्वेक्षण और अब प्रवासी श्रमिकों और भूखे लोगों का पता लगाने का सर्वे आदि कर रही हैं।
यह बहुत ही चिंताजनक बात है कि हममें से अधिकांश को किसी भी प्रकार के सुरक्षात्मक उपकरण, यहां तक कि मास्क और सैनिटाइजर भी प्रदान नहीं किए गए हैं। कई को ‘कोरोना के वाहक’ कहा जाता है और उन पर हमला किया जा रहा है। कोविड -19 से संक्रमित होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें से कई को अस्पताल में भर्ती होने के बाद कोई भी इलाज करावाना मुश्किल हो रहा है। कोरोना से मरने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की कई घटनाएं हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वित्त मंत्री द्वारा फ्रंटलाइन श्रमिकों के लिए बीमा कवरेज की घोषणा में भी आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं का उल्लेख नहीं है। अस्पताल में भर्ती और क्वारेंटाइन खर्च श्रमिकों द्वारा वहन किया जा रहा है क्योंकि वे बीमा के अंतर्गत नहीं आते हैं।
कई राज्यों में महीनों तक वेतन राशि का भुगतान एक साथ नहीं किया जाता है। इस अवधि के दौरान भी, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में वर्कर्स को बिना किसी पेंशन के सेवानिवृत्त किया जा रहा है।
इस परिस्थिति में, हम मांग करते हैं:–

  1. आईसीडीएस के लिए आर्थिक आवंटन को तत्काल दोगुना करो। लाभार्थियों को दिए जाने वाले पोषण आपूर्ति की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाओ।
  2. आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को मजदूर के रूप में मान्यता दो, आंगनवाड़ी वर्कर्स को 30,000 और हैल्पर्स को 21000 रू प्रतिमाह न्यूनतम वेतन दो। मिनी आंगनवाड़ी वर्कर्स को समान वेतन देा। 45 वीं और 46 वीं आईएलसी की सिफारिशों के अनुसार पेंशन, ईएसआई, पीएफ आदि प्रदान करो।
  3. सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स के लिए सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान करो, विशेषकर स्वास्थ्य क्षेत्र में। नियंत्रण क्षेत्रों और रेड जोन में लगे हुए वर्कर्स के लिए पीपीई किट दो। सभी फ्रंटलाइन श्रमिकों की बार-बार, निरंतर और फ्री कोविड -19 टेस्ट किए जाएं।
  4. सभी फ्रंटलाइन श्रमिकों को 50 लाख रुपये का बीमा कवर दो जिसमें ड्यूटी पर होने वाली सभी मौतों को कवर किया जाए। पूरे परिवार के लिए कोविड -19 के उपचार का भी कवरेज दिया जाए।
  5. पर्याप्त बजट आवंटन के साथ आईसीडीएस को स्थायी बनाओ। आईसीडीएस का किसी भी रूप में कोई निजीकरण नहीं किया जाए। आईसीडीएस में कोई नकद हस्तांतरण नहीं किया जाए। सभी मिनी केंद्रों को पूर्ण केंद्रों में बदलो।
  6. कोविड -19 ड्यूटी में लगे सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स के लिए प्रति माह 25,000 रुपये का अतिरिक्त कोविड जोखिम भत्ता दिया जाए। सभी लंबित बकाया राशियों का तुरंत भुगतान किया जाए।
  7. ड्यूटी पर रहते हुए संक्रमित हुए सभी लोगों के लिए न्यूनतम दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
  8. आंगनवाड़ियों में ईसीसीई शिक्षा को मजबूत किया जाए।
  9. सभी के लिए भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, आय, नौकरी और आश्रय सुनिश्चित करो।
  10. काम के घंटो को बढ़ाकर 8 से 12 घंटे न किया जाए। श्रम कानूनों समाप्त नहीं किया जाए।
  11. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सेवाओं का निजीकरण नही किया जाए।
  12. कृषि व्यापार और ईसीए पर अध्यादेश तुरंत वापस लिया जाए
    इस प्रतिनिधि मंडल में सीटू शिमला जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, मोहित नेगी, मीना, कृष्णा,रितिक, माया, शांता और गोयल उपस्थित रहे।
Share from A4appleNews:

Next Post

हिमाचल कैबिनेट- स्कूलों में भरे जाएंगे 7852 MTW, 13 जुलाई से होगी स्कूलों में एडमिशन 16 अगस्त से फाईनल की परीक्षाएं

Fri Jul 10 , 2020
एप्पल न्यूज़, शिमला राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में यहां आयोजित बैठक में प्रदेश सरकार के प्रारंभिक और उच्च शिक्षा विभागों में लगे अंशकालिक जलवाहकों के मानदेय को 2400 रुपये से बढ़ाकर 2700 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने उन व्यक्तियों को 8000 रुपये […]

You May Like

Breaking News