\’समाजसेवा परमो धर्मं: को चरितार्थ करते
एप्पल न्यूज़, पांवटा साहिब (डॉ प्रखर गुप्ता)
कोरोना ने दुनिया में वो दहशत पैदा कर दी है, जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। पूरी दुनिया कोरोना (Coronavirus) संकट का सामना कर रही है।भारत भी इस संकट से खुद को बचाने की कोशिश में जुटा है। देश के जो लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं उन्हें बचाने के लिए डॉक्टर अपनी जान पर खेलकर संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। कोविड वार्ड में तमाम चुनौतियों के बीच चिकित्सक व नर्सिग स्टाफ अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाह कर रहे हैं।
कोरोना वायरस (Covid 19) ने दुनियाभर में हाहाकार मचा दिया है। वहीं उससे मुकाबले के लिए बी एम ओ राजपुर डॉ अजय देओल हमेशा तत्पर है। मृदुल भाषी डॉ अजय देओल ने कोरोना संकट के बीच एमडी मेडिसिन की पढ़ाई के लिए चयन होने के बावजूद जनसेवा को ही प्राथमिकता दी। डॉ. अजय देओल पांवटा में बीएमओ के पद पर दिन-रात सेवाएं देकर कोराना वॉरियर्स की तरह काम कर रहे हैं। अब तक सिविल अस्पताल पांवटा के चिकित्सकों की टीम के साथ मिलकर बाहरी राज्यों से पहुंचने वाले और सैकड़ों स्थानीय लोगों के कोविड-19 टेस्ट करवा चुके हैं।
उन्होंने अपने कैरियर को आगे बढ़ाने की जगह समाजसेवा को तवज्जो दी। जहां एक ओर अधिकारी ए सी कमरे में बैठकर अपने कर्मचारियों को आदेश देते हैं, वहीं इसके विपरीत डॉ. अजय देयोल स्वयं अपनी टीम की हौंसला अफजाई हेतु हमेशा टीम के साथ मौके पर मौजूद रहते हैं। चाहे रात हो या दिन, कोरोना महामारी के दौरान आधी रात को भी जरूरत पड़ने पर डॉ देओल सदैव उपस्थित रहते हैं। डॉ देओल ने एमडी के लिए चयनित होने के बाबजूद निस्वार्थ भाव से समाज सेवा को ही अपना धर्म समझा।
वहीं, बीएमओ राजपुर डॉ. अजय देयोल ने कहा कि इस वर्ष एमडी के लिए उनका चयन हो गया था। लेकिन ऐसी संकट की घड़ी में जनता की सेवा करने का फैसला उन्हें ज्यादा ठीक लगा। अप्रैल माह से अब तक वे पांवटा में दिन – रात बिना अवकाश लिए निरंतर निस्वार्थ भाव से सेवाएं दे रहे हैं। संक्रमित लोगों को खुद मौके पर पहुंच कर कोविड केयर सेण्टर सराहां और त्रिलोकपुर के लिए 108 एंबुलेंस से भेजने की पूरी व्यवस्था करते हैं।
डॉ अजय देओल जज्बे से पूरी तरह लबालब हैं। वे दिन-रात अपनी जान की परवाह किये बिना दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए तत्पर हैं। उनका आत्मविश्वास ऊंचा है। उनके इस कार्य हेतु स्थानीय विधायक समेत कई संस्थायें भी उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित कर चुकी हैं। उनका मानना है – छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी, नए दौर में लिखेंगे हम मिलकर नई कहानी.. हम हिंदुस्तानी..हम हिंदुस्तानी।