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महिला समानता दिवस – \”हर महिला अब योग से बनेगी निरोगी\”

एप्पल न्यूज़, शिमला

योग गुरु पंकज शर्मा महिला समानता दिवस 26 अगस्त 2020 के मौके पर महिलाओं को कुछ योगाभ्यास के बारे में बता रहे हैं क्योंकि योग महिलाओं के शरीर को स्वस्थ बनाने के अतिरिक्त और भी बहुत से काम करता है। यह मन को संतुलित करता है तथा आत्मा को पोषित करता है। इसलिए महिलाएं योग को एक अतिरिक्त बोझ न समझ ,बल्कि योग को अपने व्यस्तता से भरे जीवन की एक आवश्यक गतिविधि माने जो उनको अपनी जिम्मेदारियों को पूर्णता से निभाने में सहायता करता है। आसान और प्राणायाम के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यूट्यूब पर योग गुरु पंकज शर्मा या शरणम सर्च कर सकते है।

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अब प्रश्न उठता है कि दिन में कब, किसको और कौन से आसनों और प्राणायामों को करना चाहिए?, जहां तक महिलाओं का प्रश्न है सुबह की व्यस्तता के कारण समय न मिल पाने से, दिन में जब भी उनको खाली समय मिले तब वो योगाभ्यास कर सकती है बस ध्यान रहे खाना खाने के कम से कम 2-3 घंटे बाद करें । योग सभी आयु वर्ग की महिलाओं के लिए उपयुक्त है ,अब सवाल आता हैं कि महिलाएं कौन से आसन और प्राणायाम से कम समय मे अधिक लाभ प्राप्त कर सकती है जिसके लिए योग गुरु पंकज शर्मा कुछ खास आसान और प्राणायाम बता रहे है जो इस प्रकार है ।

वृक्षासन

वृक्षासन आपके पेट से अतरिक्त चर्बी को कम करने के लिए सबसे आसान आसनों में से एक है। साथ ही इस आसन से टांगों की वसा कम होती हैं इसे करने के लिए योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैर जोड़ लें। अब अपना दायां पैर, अपनी बाईं जांघ पर रखें। आपके दाएं पैर का अंगूठा नीचे जमीन की तरफ हो और बाएं पैर की उंगलियां सामने की तरफ। ध्‍यान रखें कि आपकी पीछे से गर्दन, रीढ़ की हड्डी की रेखा में सीधी होनी चाहिए।

बालासन

बालासन को करने के लिए सबसे पहले घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं जैसे वज्रासन में बैठा जाता है और अब शरीर का सारा भार एड़ियों पर डाल दें। गहरी सांस भरते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रहे कि आपका सीना जांघों से छूना चाहिए। फिर अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहने के बाद वापस सामान्‍य अवस्‍था में आ जाएं। बालासन के नियमित सही तरह से अभ्यास करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, बाजुओं व शरीर से अतिरिक्त चर्बी दूर होती है और शरीर स्वस्थ बनता है। बालासन के अभ्यास से कब्ज में भी राहत मिलती है और पीठ के दर्द में आराम मिलता है।

तितली आसन

महिलाओ में गर्भाश्य संबंधित समस्या और मांसपेशियों में खिचाव की समस्या रहती है। तितली आसन करना एक तो आसान होता है दूसरा इससे महिलाओं को काफी फायदे भी मिलते है। इस आसन को आप रोजाना थोड़ा सा समय निकाल कर सकती हैं मगर गर्भवती महिलाएं डिलीवरी से तीन महीने पहले तक ही इसका अभ्यास करें और जितना झुक सकती है, उतना ही नीचे की तरफ झुके।

उत्तानासन-

महिलाओं में सबसे ज्यादा परेशानी पेट और कमर के आस-पास के बढ़ी हुई चर्बी होती है क्योंकि यह न केवल उनकी बॉडी शेप को बिगाड़ देती है बल्कि इससे कई तरह की बीमारियां भी घेर लेती है। इसलिए पेट और कमर की चर्बी को कम करने के लिए उत्तानासन सबसे अच्छा योगासन है। इस आसन को करने से कंधे और हाथों की मांसपेशियां मजबूत भी मजबूत होती हैं।

अधोमुख स्‍वान आसन

इस योगासन को करना बहुत आसान है। इसका अभ्‍यास कई तरह से आपको लाभ पहुंचाता है। रोजाना सुबह नित्‍यक्रिया के बाद आप इस योग को कर सकते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप अपने पैरों के समानान्‍तर हाथों के बल आगे की ओर स्‍थापित करें। शरीर को एक मेज़ की स्थिति में ले आयें। आपकी पीठ मेज़ की ऊपरी हिस्से की तरह हो और दोनों हाथ और पैर मेज़ के पैर की तरह हो और अब सांस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं। अपने घुटने और कोहनी को मजबूती देते हुए सीधे करते हुए अपने शरीर से उल्टा v आकार बनाएं। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। छाती की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है कंधे ,एड़ियों के दर्द में आराम और फेफड़े की क्षमता को बढ़ाता है।

सर्वांगासन

इस आसन का अभ्यास कंधे के बल खड़े होकर किया जाता है। सर्वांगासन हमारे चेहरे को ग्लोइंग या चमकदार बनाता है। इस आसन के अभ्यास से न सिर्फ स्किन की सेहत सुधरती है बल्कि चेहरे का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। सर्वांगासन का अभ्यास दिन में 2-3 बार करें ,पर ध्यान रखे आसान का अभ्यास धीरे धीरे और सावधानी के साथ करें ।

अब बात करते है प्राणायाम की …

भ्रामरी प्राणायाम

इस अभ्यास में उंगलियों का उपयोग केवल कानों को या आंखों को अवरुद्ध करने के लिए किया जाता है। सांस छोड़ने पर, आप एक मधुमक्खी की तरह गुनगुनाते हुए ध्वनि निकालते हैं। इसमें आपको कंठ में हल्का कंपन महसूस होता है। l सभी प्रकार के मानसिक रोग जैसे तनाव, क्रोध, चिढ़चढ़ापन आदि दोष दूर होते , मन को एकाग्र करने एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने में यह प्राणायाम लाभकारी है। अनिद्रा रोग से छुटकारा मिलता है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम को नियमित तौर पर करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं, एलर्जी की समस्या और सायनस की दिक्कत दूर होती है। शरीर में रक्त का संचार सुधरता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में सहायक है। मधुमेह जैसी समस्याएं खत्म हो जाती |

प्राणायाम करते वक़्त सावधानी : प्राणायाम करते समय अपने चेहरे पर दबाव न डालें और अपने मन को शांत ,सांस लेते और छोड़ते वक़्त जल्दबाजी न करें और ना आवाज़ निकाले ।

लेखक

पंकज शर्मा, योग गुरु

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