एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल विधानसभा में मानसून सत्र के नवें दिन आज प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्ष ने दलितों के साथ हो रहे पक्षपात को लेकर नियम 67 के तहत चर्चा मांगी। परन्तु चर्चा न मिलने पर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में SC ओर ST लोगो को दबाने का कार्य किया जा रहा है। नौकरियों में आरक्षण के रोस्टर को लागू नही किया जा रहा है।
जनजातीय जिला किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने नियम 67 के तहत दलितों के साथ हो रहे अत्याचार, नौकरियों में आरक्षण को खत्म करने को लेकर चर्चा मांगी थी। लेकिन सरकार दलितों के मुद्दों पर चर्चा नही करनी चाहती है।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में लगभग 40 प्रतिशत संख्या दलितों की है। दलित क्षेत्रो के विकास के लिए जिन पैसों का आवंटन किया जाता है उसमें विधायकों को पूछा नही जाता है। उन्होंने जयराम सरकार को दलित और ओबीसी विरोधी बताया है।
वहीं माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार व प्रशासन दलितों ओर पिछड़े वर्ग के मुद्दों को लेकर सवेदनशील नही है। जिसको बर्दास्त नही किया जायेगा।