एप्पल न्यूज, किन्नौर
उपायुक्त किन्नौर हेमराज बैरवा ने वैज्ञानिकों का आवाहन किया है कि वे अनुसंधान को खेतों तक पहुंचाने की पहल करें ताकि उनके अनुसंधान से बागवान व कृषक लाभान्वित हो सकें। वे शनिवार को डाॅ. वाई.एस परमार क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र शारबो के दौरे के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अनुसंधान का तभी फायदा है यदि वह किसानों व बागवानों के खेतों व बागीचों तक पहुंचे। उन्होंने वैज्ञानिकों से सेब व अन्य फल/पौधों की नई किस्मों के बारे में बागवानों को जागरूक करने का भी आग्रह किया ताकि बागवान परम्परागत फलों की किस्मों के स्थान पर नई किस्में उगाकर फलों का और अधिक उत्पादन कर अपनी आय को बढ़ा सके। उन्होंने फसल विविधिकरण पर भी जोर दिया तथा कहा कि इससे बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ होने में सहायता मिलेगी।
उपायुक्त ने जिले में फल आधारित प्रसंस्करण औद्योगिक इकाई लगाने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला की जलवायु सेब, नाशपति सहित स्टोन फ्रूट उगाने के लिए उपयुक्त है। ऐसे में बागवानों को बागवानी की नवीनतम तकनीक व उन्नत किस्मों को उगाने के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि कम भूमि में भी किसान अधिक से अधिक उत्पादन कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकें।
उन्होंने शारबो स्थित अनुसंधान केन्द्र में सेब के इलावा अन्य फलों की नर्सरी भी तैयार करने के निर्देश दिए ताकि जिले के बागवानों को उन्नत किस्म के सेब व अन्य फलों के पौधे यहीं पर उपलब्ध हो सकें।
इस अवसर पर वैज्ञानिक डाॅ. डीपी भण्डारी व डाॅ. अरूण कुमार ने उपायुक्त को बताया कि शारबो स्थित अनुसंधान केन्द्र में सेब के इलावा बादाम, आड़ू, नाशपति इत्यादि की भी नर्सरी तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग 6,000 सेब की उन्नत किस्म के पौधे किसानों को वितरित किए जाएंगे।
उपायुक्त ने इस अवसर पर अनुसंधान केन्द्र की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस दौरान अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. बुद्धिराम के इलावा अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने इसके उपरान्त शारबो स्थित होम-गार्ड प्रशिक्षण केन्द्र का भी निरीक्षण किया। उन्होंने होम-गार्ड के नव-निर्माणाधीन भवन के कार्य को शीघ्र पूरा करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर कमान्डेन्ट सुरेश कुमार व गृह रक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।