SJVN Corporate ad_E2_16x25
SJVN Corporate ad_H1_16x25
previous arrow
next arrow
IMG-20240928-WA0004
IMG_20241031_075910
previous arrow
next arrow

विधायकों से परामर्श के बाद डीपीआर को अंतिम रूप दें अधिकारीः मुख्यमंत्री

IMG-20240928-WA0003
SJVN Corporate ad_H1_16x25
SJVN Corporate ad_E2_16x25
Display advertisement
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज़, शिमला

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि विधायक प्राथमिकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि वे निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और उन्हें संबंधित क्षेत्रों की विकासात्मक आवश्यकताओं और जन आकांक्षाओं की बेहतर जानकारी जानकारी होती है। यह बात उन्होंने आज यहां योजना विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि विधायक प्राथमिकताओं में अक्सर विलम्ब हो जाता है क्योंकि संबंधित विभागों द्वारा समय पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार नहीं की जाती है। विधायकों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देते समय विश्वास में लिया जाना चाहिए और इसे तैयार करने में विलम्ब के कारणों के बारे में भी उन्हें अवगत करवाया जाना चाहिए ताकि इस दिशा में उचित कदम उठाए जा सकंे। उन्होंने कहा कि विधायकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर योजना के बारे में जिला स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे लीक से हटकर सोचें और अपने जिले में कम से कम एक विशेष योजना शुरू करें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने समूचे विश्व को प्रभावित किया है, जिसके लिए कोई तैयारी नहीं थी। उपायुक्तों को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट में शामिल करने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव देने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में लागू होने वाली सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए। एफसीए और एफआरए स्वीकृतियों पर विशेष बल दिया जाना चाहिए क्योंकि इनके कारण कई बड़ी परियोजनाओं में विलम्ब हो जाता है। उन्होंने कहा कि विकासात्मक परियोजनाओं के निष्पादन में देरी की जांच के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि आरआईडीएफ-एक्सएक्सवीआई के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग में 500 करोड़ रुपये की 114 परियोजनाएं जबकि जल शक्ति विभाग में 300 करोड़ रुपये की 137 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं को पूरा करने की अवधि 2020-21 से 2023-24 तक है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को निर्धारित समय पर तैयार करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कुल योजना आकार अनुसूचित जाति उप-योजना और जनजातीय उप-योजना में निर्धारित अनुपात में संलग्न हो। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन और निगरानी संबंधित विभागों द्वारा प्रभावी आकलन के साथ की जानी चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं और बजट आश्वासनों के कार्यान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राज्य सरकार ने नाबार्ड और अन्य फंडिंग एजेंसियों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए प्रति विधान सभा क्षेत्र की सीमा बढ़ाकर 120 करोड़ रुपये जबकि विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत आवंटन राशि को बढ़ाकर 1.75 करोड़ रुपये किया गया है।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की समयबद्ध तैयारी सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए निगरानी तंत्र को भी और अधिक मजबूत किया जाएगा। उन्होंने राज्य की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए वार्षिक गतिविधियों की योजना बनाने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने कहा कि उपायुक्तों को ठोस प्रस्तावों के साथ आगे आना चाहिए ताकि इन प्रस्तावों को बजट में शामिल किया जा सके।
योजना सलाहकार डा. बसु सूद ने इस अवसर पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
सचिव प्रशासनिक सुधार संदीप भटनागर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा एवं के.के. पंत, सचिव रजनीश, देवेश कुमार, डा. अक्षय सूद, डा. राजीव शर्मा और अमिताभ अवस्थी, विशेष सचिव सी.पी. वर्मा, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. रवि शर्मा, इंजीनियर-इन-चीफ जल शक्ति विभाग नवीन पुरी, निदेशक स्वास्थ्य डा. बी.बी. कटोच सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया। सभी जिलों के उपायुक्त आॅनलाइन बैठक से जुड़े और अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

Share from A4appleNews:

Next Post

DC शिमला ने जिला में खराब मिठाईयों, मटन, मछली, चाट, बेकरी, दूध एवं ठंडे पेय पदार्थों की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध

Wed Jan 20 , 2021
एप्पल न्यूज़, शिमला जिला दण्डाधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज यहां बताया कि महामारी अधिनियम, 1897 के तहत लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत खराब, सड़े गले फलों/सब्जियों के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है।उन्होंने बताया कि यह प्रतिबंध खराब मिठाईयों, मटन, मछली, चाट, बेकरी, दूध एवं ठंडे पेय […]

You May Like

Breaking News