एप्पल न्यूज़, शिमला
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कोविड-19 के वैक्सिनेशन बारे प्रदेश में चल रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताआें के कोविड-19 वेक्सिनेशन प्रोग्राम की समीक्षा मिशन
निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा की गई। इसमें सभी जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारियोंं एवं
मेडिकल कॉलेजों के प्राधानाचार्या ने भाग लिया।
मिशन निदेशक डॉ निपुण जिन्दल ने बताया कि प्रदेश में 22936 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 की वेक्सिनेशन का टीका लगाया जा चुका है एवं प्रदेश में कुल लगभग 77000 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को यह टीका लगाया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 के पहले इन्जेक्शन देने की प्रक्रिया 9 फरवरी 2021 तक पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि कोविड-19 इन्जेक्शन की कवरेज आने वाले दिनों में आवश्कतानुसार बढाई जानी चाहिए ताकि यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके में सम्पूर्ण की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रक्रिया 9 फरवरी तक पूर्ण करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लगभग 650 सेशन प्रदेश भर में लगाए जाएंगे जिस बारे में सभी को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
आगे जानकारी देते हुए मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने बताया कि प्रदेश को पहले 93000 कोविड-19 वेक्सिन की डोजिज प्राप्त हुई एवं इसके उपरान्त 87,500 वेक्सिन की डोजिज प्राप्त हुई हैं एवं सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए पहली डोज के रूप में 43100 डोजिज और जिलों को बांट दी गई हैं तथा सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कोविड-19 वेक्सिन की दूसरी खुराक के लिए पर्याप्त मात्रा में वेक्सिन राज्य वेक्सिन भण्डार परिमहल में रखा गया है।
आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जिन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 वेक्सिन की
खुराक दी जा रही है उन सभी को ब्यौरा कोविन पोर्टल पर रखा जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा इस कोविन पोर्टल पर अब और भी विशेषताएं जोड़ दी गई हैं जैसे कि इसमें सेशन स्थल पर ही लाभार्थी अलोट किया जा सके, पुराना डाटा अपडेट किया जा सके या पंजीकृत लाभार्थी की ब्यौरा संपादित किया
जा सके एवं यह दिशा-निर्देश सभी जिलों को भी दिए जा चुके हैं। वे इन नई जोडी विशेषताओं का
उपयोग करें ताकि वेक्सिन की वेसटेज कम से कम हों।
उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक प्रदेश में लगभग 2.55 प्रतिशत की वेसटेज सामने आई है जबकि भारत सरकार की अनुमानित वेस्टेज दर 10 प्रतिशत है। प्रदेश में कम वेसटेज का श्रेय उन्होंने जिला एवं ब्लॉक स्तर पर योजनाबद्ध क्रियान्वन को दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक प्रदेश में 1.16 प्रतिशत वेक्सिन लाभार्थियों में कुछ AEFI
के केसिस पाए गए हैं जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है और प्रदेश में कोई भी गम्भीर AEFI का केस नहीं पाया गया है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई वेक्सिन पूर्णतः सुरक्षित है एवं किसी को भी किसी प्रकार का संशय रखने की आवश्यकता नहीं है। सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इसे जल्दी से जल्दी लगवा लेना चाहिए ताकि उनमें कोविड-19 के लिए प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो सके।