एप्पल न्यूज़, शिमला
राकेश पठानिया, वन युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री हिमाचल प्रदेश ने जानकारी दी कि माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने एफ. सी. ए. तथा एफ.आर. ए. में विभिन्न परियोजनाओं की मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसके लिए उन्होंने माननीय सर्वोच्च न्यायलय का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है तथा यहाँ का लगभग दो तिहाही भू -भाग वन भूमि के अंतर्गत आता है। हिमाचल में विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए वन भूमि की आवश्यकता रहती है। उन्होंने कहा कि एफ. सी. ए. तथा एफ. आर. ए. द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के लिए वन भूमि स्थानन्तरित की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विकासात्मक कार्यों जिनमे हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाएं , सड़क ,महाविद्यालय, ेलेक्टॉसिक सब स्टेशन, ट्रांसमिशन लाइन, कार पार्किंग, आंगन बाड़ी, सामुदायिक भवन, पेय जल परियोजनाओं, विद्यालय, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, इलेक्ट्रिक/ टेलीफोन लाइन्स इत्यादि शामिल हैं, में एफ. सी. ए. तथा एफ. आर. ए. की मंजूरी की आवश्यकता रहती है. यह मामले माननीय सर्वोच्च न्यायलय के समक्ष विचारधीन थे तथा हिमाचल सरकार के निरंतर एवं अथक प्रयासों के पश्चात्, आज के फैसले से इन विकासात्मक कार्यों को मंजूरी मिल गयी है।
उन्होंने कहा कि इस मंजूरी के पश्चात् इन कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रार्थनाओं द्वारा राज्य सरकार ने विभिन्न परियोजाओं की मंजूरी के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायलय के समक्ष मामला रखा था।
उन्होंने बताया कि FCA के 138 मामलों में माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने मंजूरी प्रदान कर दी है। वहीं FRA के 455 मामले, जिनमे 11.03.2019 से पहले वन मंडल अधिकारियों द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है, को कार्यान्वित किया जा सकेगा तथा शेष मामलों में समन्धित वन मंडल अधिकारी प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे तथा यदि वे उन्हें मंज़ूर करते हैं, तो उन्हें भी क्रियान्वित किया जा सकेगा।