एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी /ड़ी.एल.एड. प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश से जे.बी.टी बनाम बी.एड केस को जल्दी से जल्दी निपटाने की मांग कर रहा है। यह केस सन 2018 से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय मे विचाराधीन है।
सन 2019 मे जे.बी.टी कमीशन हुआ था जिसमे NCTE की गाइडलाइन के अनुसार बी.एड अभ्यर्थियो को भी सरकार ने अस्थाई तौर पर परीक्षा मै बैठने की अनुमती दे दी थी । हिमाचल प्रदेश मै पहले ही 40 हजार से भी ज्यादा जे.बी.टी बेरोजगार प्रशिक्षित है, जो 10 सालो से नौकरी की आस लगाए बैठे है जिसके कारण उनके अधिकारो का हनन हौ रहा है।

इसके लिये हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी बेरोजगार संघ कई बार सरकार से मिला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले , परंतु 3 सालो से सरकार ने इस केस में कोई सुध नही ली। जिसके कारण लगभग 40 हजार जे.बी.टी बेरोजगार अभ्यर्थियो का भविष्य अँधकारमय होता दिख रहा है।
15-15 सालो से जे.बी.टी बेरोजगार नौकरी की आस लेकर बैठे है । 4 सालो से सरकार ना तो कमीशन का परिणाम घोषित कर पायी ना ही 4 सालो से जे.बी.टी की भर्तिया ।
हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ,ओंकार ठाकुर, दीपक ठाकुर , विक्की चोधरी तांवरी भाटिया कर्ण पराशर, और यूनियन के सचिव मोहित ठाकुर ने कहा है की ये केस 3 सालो से कोर्ट में लटका हुआ है जिसके कारण 40 हजार जे.बी.टी प्रशिक्षित बेरोजगार का भविष्य अंधेरे में है।
इस समय प्रदेश में 3000 जे.बी.टी के पद खाली चल रहे है, जिसके कारण प्रदेश के हजारो प्राथमिक स्कूल खाली चल रहे है तथा बच्चो का भविष्य खराब हौ रहा है।
अतः हिमाचल प्रदेश जे.बी.टी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ प्रदेश सरकार से विनती करता है की वह इस केस पर सुध ले तथा जे.बी.टी के स्थान पर जे.बी.टी की ही नियुक्ति हो जिसके लिये उनको स्पेशल प्रशिक्षण दिया जाता है तथा वे कक्षा 1 से 5 तक पढाने मे सक्षम होते है। साथ ही उनको अपने अधिकार भी मिले और उनके अधिकारो का हनन ना हो।