एप्पल न्यूज़, शिमला
पीठासीन अधिकारियों के शताब्दी समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला न कहा कि 21वीं सदी में देश और तकनीक में बड़े बदलाव हो रहे हैं। कार्यपालिका और विधानपालिका के समक्ष भी चुनौतियां बढ़ी हैं।
विधानमंडल में कई बदलावों की जरूरत है। इसमें संकल्प लिया गया है कि जल्द समयानुरूप परिवर्तन करने की आवश्यकता है। संसद में एक प्रारूप नियमावली सभी विधानमण्डलों के स्पीकर और पूर्व स्पीकर से चर्चा कर नई मॉडल नियमावली बनाई जाएगी। जिसे सभी विधानमंडल सदन में पारित कर लागू करेंगे। अपेक्षा करेंगे कि सभी विधानमण्डलों में एकरूपता आए।
2019 से 2021 तक जिन प्रस्तावों पर संशोधन की जरूरत है उस पर संकल्प प्रस्तुत किया है। वोधयकों कि वित्तीय स्वायत्तता, 10वीं अनुसूची में संशोधन पर संकल्प प्रस्तुत किए हैं।
उन्होंने कहा कि एक संकल्प के तहत सदन की कार्यवाहियों को सार्वजनिक करने वालों को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा।
देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं के अंदर भी सदन प्रभावी रूप से लागू हो इसके लिए संसद एक नियमावली मॉडल बनाएगा। लेकिन विधानमण्डल सरकार से चर्चा के बाद अपनी अपनी नियमावली बनाएंगे। ताकि स्वस्थ चर्चा और संवाद हो सके।
अपने दायित्व और कर्तव्यों को निभाते हुए सब मिलकर विधानमण्डलों को सशक्त करने के लिए प्रयास करेंगे।
राष्ट्रपति और राज्यपाल के अभिभाषण में व्यवधान न हो इसके लिए चर्चा कर समीक्षा की जाएगी।
साथ ही विधानसभाओं को एक मानक पुरस्कार के लिए बनाएंगे जिसमें पीठासीन अधिकारियों की कमेटी बनाई जाएगी ताकि उन्हें पुरस्कार दिया जा सके।
के विधानसभाओं में नवाचार हुए हैं उसके लिए उनके अनुभवों को साझा की जा रहा है। सदन की कार्यवाही सुचारू चले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं इसके लिए सदन की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।
ओम बिरला ने कहा कि शून्य काल को लेकर भी संकल्प लिया गया है कि सभी विधानमण्डलों में संसद की तर्ज पर शून्य काल हो।
आदर्श नियमावली में सदन की मर्यादा को बनाए रखने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जिसकी सिफारिशों पर अमल किया जाएगा। सूचना एकत्रित की जा रही है इस तरह की सूचनाओं पर जनप्रतिनिधि को फिर से सवाल करना होगा, उस पर जवाब जरूर देय होगा।
धर्मशाला में ई-अकेडमी पर संसद में विचार किया जाएगा।
विधायक इसलिए चुना जाता है कि जनता के मुद्दों को उठाए, सभी दलों को मूल्यांकन करने होगा कि स्व अनुशासन की प्रवृति को बढ़ाना होगा। विधाण्डलों के प्रति जनता का विश्वास बढ़े इसके लिए आग्रह किया गया है कि सभी से वार्ता कर जनता का विश्वास और भरोसे को बढ़ाया जा सके।
सभी विधानसभाओं में ई विधान प्रणाली अपनाकर पेपरलेस की दिशा में कदम बढ़ाया है और 2022 तक सभी विधानमंडल पेपरलेस बनेंगे।