विधिक साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य पर लोगों को कानूनी बारीकियों से करवाया अवगत
विधिक साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य पर लोगों को कानूनी बारीकियों से करवाया अवगत
एप्पल न्यूज़, संजीव कुमार गोहर मंडी
विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत रविवार को ग्राम पंचायत नैहरा में विधिक साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उपमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी एंव अध्यक्ष डीएलएसए गोहर वत्सला चौधरी ने शिविर की अध्यक्षता की। शिविर में घरेलु हिंसा, बाल श्रम, शिक्षा का अधिकार कानून, मनरेगा कानून, सूचना का अधिकार कानून और मोटर व्हीकल एक्ट पर विस्तार से चर्चा की गई और उपस्थित लोगों से कानूनों का पालन करने के लिए आवाह्न किया गया।
न्यायिक मैजिस्ट्रेट गोहर वत्सला चौधरी ने कहा कि कोई भी बच्चा जिसकी उम्र 14 वर्ष से अधिक नहीं हो, उसको बालक कहा जाएगा। साथ ही उसे जोखिम भरे कामों में नहीं लगाया जा सकता। यदि कोई ऐसा करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जिसमें एक वर्ष तक का कारावास व दस हजार रुपये से बीस हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
साथ ही बाल विवाह को लेकर भी कानून की जानकारी दी गई। जिसमें लड़के व लड़की की उम्र 18 व 21 वर्ष से कम होने पर उनका विवाह कराने वाले लोग दंडित किए जाएंगे। इसमें दो वर्ष की सजा का प्रावधान है। इस अवसर पर उन्होंने विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आम नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं की विस्तार से जानकारी मुहैया करवाई।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता हेम सिंह ठाकुर ने बच्चों में अपराध के प्रति आए दिन झुकाव पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के हर बच्चे की शिक्षा के लिए कार्य कर रही है। लेकिन हमारी कुछ कमियों की वजह से आए दिन समाचार पत्रों तथा सोसल मीडिया के जरिए किशोर अपराध की घटनाएं बार-बार हम सभी से प्रश्न करती है कि क्या इन घटनाओं के लिए वास्तव में कच्ची मिट्टी के बने बच्चे जिम्मेदार है या कहीं ना कहीं हमारे लालनपालन व सामाजिक माहौल में व्याप्त कोई कमी जिम्मेदार है।
अधिवक्ता नारायण सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्तमान दौर में समाज के उत्थान के लिए व्यक्ति को अपने अधिकारों और उनके पालन के प्रति अपने कर्तव्यों में कानूनी जागरूकता होना बहुत जरूरी है। कानून सभी के लिए बराबर हैं। हर नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना होगा।