SJVN Corporate ad_E2_16x25
SJVN Corporate ad_H1_16x25
previous arrow
next arrow
IMG-20240928-WA0004
IMG_20241031_075910
previous arrow
next arrow

निशानेबाज़ मानवी का शौक़ ही बना उसका जुनून

IMG-20240928-WA0003
SJVN Corporate ad_H1_16x25
SJVN Corporate ad_E2_16x25
Display advertisement
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज़, चन्द्रकान्त पाराशर शिमला

आकलैंड विद्यालय शिमला में कक्षा 6ठी की विद्यार्थी रही थी उस समय जब मानवी सूद ने शिमला स्थित इंदिरा गांधी खेल परिसर में पहला कदम रखा था और वह भी तायकोंडों मार्शल आर्ट सीखने के लिए । कुछ दिन इस विधा में अभ्यास के बाद उसके मन में खेलों में ही कुछ अलग करने की चाह पनपने लगी । इसी उत्सुकतावश वह खेल- परिसर में ही अन्य खेलों को दूर से देखने परखने लगी ।
धीरे-धीरे वहाँ अन्य बच्चों को शूटिंग रेंज में अभ्यास करते देखकर इस खेल के प्रति आकर्षित हुई और वहीं एक अच्छा निशानेबाज बनने का सपना बुना। उन्होंने अच्छी तरह सोच-समझकर एयर रायफल प्रतियोगिता को चुना तथा वह मात्र 11 वर्ष की आयु में ही निशानेबाजी प्रतियोगिता में भाग लेने भी लग गयी थी ।

इस उभरती प्रतिभावान खिलाड़ी का जन्म 4फ़रवरी 2006 को हिमाचल प्रदेश राज्य की राजधानी शिमला में एक व्यवसायी परिवार में हुआ था ।परिवार भी इस खेल के प्रति आगे बढ़ने के लिए मानवी को पूरा सहयोग देने के प्रति दृढ़ संकल्प है ।
उनके पिता राजीव सूद व माँ अर्चना सूद दोनों का ही विश्वास है कि वैसे भी लड़कियाँ स्वभाव से मेहनती, कमिटेड व फलेक्सिबल लर्नर के साथ साथ उनमें एकाग्रता का स्तर भी ज़्यादा होता है उनमें अपेक्षाकृत अधिक धैर्य होता है जिसकी वजह से उनके अंदर एक स्थिरता बनी रहती है । संभवतः यही गुण मछली की आँख भेदने अर्थात् लक्ष्य-संधान करने में सर्वोपरि माना जाता है।
मानवी सूद पहली बार उस समय राज्य खेल परिदृश्य पर चर्चा में आइ जब वर्ष 2018में अंडर 15 एन आर कटेगरी में ज़िला स्तरीय स्पर्धा में उन्होंने 10 मी राइफल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था ।  इस प्रतियोगिता में कुल 400 पोईंट के लिए 40 शॉट लगाने निर्धारित थे । इसमें मानवी ने 351 पोईंट हासिल कर गोल्ड पर क़ब्ज़ा किया था ।
मानवी का मानना है कि निशानेबाज़ी एक प्रतिस्पर्धात्मक किंतु बेहद रोमांचक खेल है ।इस खेल का शौक़ ही उसका धीरे धीरे जुनून बंनने की ओर अग्रसर है ।प्रायः यही जुनून किसी खिलाड़ी को सफलता के शिखर तक पहुँचाता भी है ।

गत वर्ष नवम्बर माह में भोपाल में आयोजित 64 वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और वह चौथी अंतरराष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिता में भारतीय टीम के चयन के लिए भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ द्वारा आयोजित चयन ट्रायल के लिए भी क्वालिफ़ाइड है ।

अक्टूबर 2021 में, देहरादून में पहली स्नाइपर शूटिंग चैंपियनशिप के दौरान “चैंपियन ऑफ द चैंपियन” का खिताब भी मानवी द्वारा जीता गया है।
उनके कोच सूबेदार (सेवानिवृत्त) रवींद्र प्रकाश ने हौसला अफ़जाही करते हुए कहा कि “हम इस निशानेबाजी के खेल में उनके उज्ज्वल कैरियर के लिए शुभकामनाएं देते हैं और वह निश्चित रूप से हिमाचल राज्य के साथ-साथ भारत देश का भी नाम रोशन करेंगी।”

यहाँ ज्ञातव्य है कि पुराने समय में राजा महाराजाओं का मनोरंजक शौक़ रहे निशानेबाज़ी का अब वर्तमान समय में स्तर बेहद बढ़ चुका है। निशानेबाजी को शूटिंग का रूप देकर ओलंपिक खेलों में भी शामिल किया जा चुका है।
निशानेबाजों के लिए खास तौर से डिजाइन की जाने वाली आकर्षक वेशभूषा जिसमें विशेष प्रकार की जैकेट, ट्राउजर, जूते;सिर पर कैप जिन्हें आमतौर पर पहनकर चलना भले ही मुश्किल हो, लेकिन राइफल शूटिंग करने वालों का टशन देखकर आज लोग विशेषकर युवा इस खेल की तरफ खूब आकर्षित होते हैं।

Share from A4appleNews:

Next Post

पहाड़ों पर गर्मी से हाल बेहाल, अप्रैल में राहत के नही आसार और सताएगी गर्मी

Fri Apr 1 , 2022
एप्पल न्यूज़, शिमला हिमाचल में गर्मी से हाल बेहाल होने लगे है। मार्च महीने में जहां पहाड़ो पर मौसम सर्द बना रहता था वही इस बार मार्च महीने में कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए है। 31 मार्च को ऊना में दस साल बाद 39 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया […]

You May Like