एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश की जनता को प्रधानमंत्री के इस दौरे से बहुत आशाएं थी परन्तु वो बिना किसी मदद व घोषणा के लौट गये जिससे प्रदेश की जनता में निराशा की लहर है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता, देवेन्द्र बुशैहरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस प्रदेश को अपनी कर्म भूमि कह कर अपने भाषण का प्रारम्भ किया परन्तु कर्मभूमि केवल कहने से नहीं, कर्म करने से होती है।
उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री हिमाचल को सच में अपनी कर्मभूमि मानते हैं तो अपने आठ वर्ष के कार्यकाल में अनेकों परियोजनाएं हिमाचल को दे सकते थे।
यहां का पयर्टन उद्योग जो कि कोरोना काल की क्षति से अभी तक उभर नहीं पाया है उसके लिए, इस उद्योग से सम्बन्धित प्रभावित लोगों के उत्थान के लिए कोई भी घोषणा नही की।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी इससे पूर्व भी कई मर्तबा प्रदेश दौरे पर आये और तब भी उन्होंने इस प्रदेश की जनता से अनेकों लुभावने वायदे किये थे, जो कि आजतक पूरे नहीं हुये।
बुशैहरी ने आगे कहा कि पीएम मोदी का लगाव हिमाचल में केवल भाजपा और संघ के प्रचार और प्रसार तक ही सीमित रहा।प्रधानमंत्री ने आज केवल अपने आठ वर्ष पूर्ण हुये कार्यकाल में केन्द्र सरकार के प्रायोजित कार्यक्रमों के लिए ही शिमला का चयन किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार और भाजपा ने प्रधानमंत्री के इस शिमला दौरे के प्रचार-प्रसार पर जो करोड़ों रुपयों की फिजूलखर्ची की है, यदि यह राशि जनहित के विकास कार्यो पर खर्च की होती तो बेहतर होता।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज मंच से भाजपा सरकार की उपलब्धियों में जिन तीन मेडिकल कालेजों को खोलने की बात कही है, वे सभी मेडिकल कालेज कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह की सरकार की देने हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के ये प्रायोजित कार्यक्रम देश की राजधानी में बैठकर भी किये जा सकता थे लेकिन, भाजपा ने हिमाचल में शिमला नगर निगम चुनाव व इस वर्ष के अन्त में विधान सभा चुनावों देखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजना शिमला में किया।
प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री के पास अपने पांच साल के कार्यकाल की कोई उपलब्धियां बताने के लिए नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री खाली हाथ ही हिमाचल आए थे और हिमाचल की जनता ने उन्हें खाली हाथ ही वापस लौटा दिया।