एप्पल न्यूज़, ब्यूरो
धर्म मरा है मुकम्मल ईमान मरा है
यह मत कहना बेबस इंसान मरा है
लड़ें ना वे सब कह दो जाके सबसे
नासमझ ने मारा नादान मरा है
मर गया मारा गया दोनों एक थे
असल तो बस देश का सम्मान मरा है
मजहब के ठिकेदारों रुको देख लो
जस्सी जोजफ जमुना जीशान मरा है
जिससे अभी भी लड़ रहे सभी आका
जिंदा है अब तक ना शैतान मरा है
धर्म मरा है मुकम्मल ईमान मरा है—डॉ एम डी सिंह