एप्पल न्यूज़, शिमला
सीपीआईएम के शहरी सचिव जगतराम ने बताया कि शिमला में सरकार व निगम की लापरवाही से आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। शिमला के सर्दियों में बर्फ गिरने से पानी नही आता गर्मियों के स्त्रोत सूखने से ओर बरसात में मिट्टी भर जाने से पानी नही मिलता।
जगत राम ने कहा कि वर्तमान मे 39 एमएलडी पानी दिया जा रहा है जबकि शहर को 35 एमएलडी पानी की जरूरत है उसके बाद भी शहर में 4से 5 दिन बाद पानी पीने को मिल रहा है।
सरकार द्वारा जल प्रबंधन का निजीकरण किया गया है जिससे वह पानी का वितरण सही तरीके से नही कर पा रही है और शहर में पानी की समस्या चली हुई है।
उनका कहना था कि वह निगम कमिश्नर को एक ज्ञापन सौंप कर यह मांग कर रहे है कि शहर में पानी की समस्या से निजात दिलाई जाये जिससे बरसात में लोगो को पीने के पानी के लिए भटकना ना पड़े।